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कमलेश तिवारी के बयान पर बवाल, मालदा के बाद बिहार के पूर्णिया में भड़की हिंसा

इस्लामिक काउंसिल के लोग प्रदर्शन के दौरान हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी को फांसी देने की मांग कर रहे थे. ये लोग तिवारी के उस बयान के विरोध में सड़क पर उतरे थे, जिसमें कथित रूप से उन्होंने पैगंबर के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है.

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पश्चिम बंगाल के मालदा में भड़की हिंसा के बाद शुक्रवार को बिहार के पूर्णिया में भी हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी के बयान पर जमकर हंगामा हुआ. इस्लामिक काउंसिल के जुलूस के बाद उग्र लोगों ने थाने में घुसकर पथराव किया और गाड़ि‍यों में भी तोड़फोड़ की.

जुलूस की शक्ल में सड़क पर उतरी भीड़ देखते ही देखते उग्र हो गई और थाने में घुसकर वहां रखा काफी सामान तोड़ डाला. भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर पथराव भी किया. घटना की सूचना जब तक पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों को हुई, प्रदर्शनकारी मौके से फरार हो गए.

पैगंबर के खिलाफ गलत शब्दों के इस्तेमाल का आरोप
इस्लामिक काउंसिल के लोग प्रदर्शन के दौरान हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी को फांसी देने की मांग कर रहे थे. ये लोग तिवारी के उस बयान के विरोध में सड़क पर उतरे थे, जिसमें कथित रूप से उन्होंने पैगंबर के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है. हालांकि शिकायत के बाद पुलिस ने तिवारी को गिरफ्तार कर लिया था.

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ढाई लाख मुस्लिमों ने किया था बवाल
बीते रविवार को मालदा के कालिया चौक में कमलेश तिवारी के बयान के खिलाफ मुस्लिम समुदाय ने विरोध रैली का आयोजित की थी. रैली में करीब ढाई लाख लोग जुटे थे. इस दौरान भीड़ उग्र हो गई और देखते ही देखते माहौल हिंसक हो गया . रैली में आए लोगों ने थाने में घुसकर हंगामा किया और पुलिसकर्मियों पर पथराव भी किया. इस दौरान उन्होंने करीब 25 गाड़ियों को आग के हवाले भी कर दिया. इस पूरे घटनाक्रम में कई लोग घायल हुए थे. इस मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया.

मालदा के उस इलाके में सांप्रदायिक हिंसा के बाद अभी भी तनाव बरकरार है.

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