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ममता को आजाद का साथ, कहा- सेकुलर पार्टियां एकजुट हो जाएं, तो एक चुनाव नहीं जीत पाएगी BJP

वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि विपक्ष के विभाजित रहने की वजह से ही लोकसभा और विधानसभा चुनावों एनडीए को जीत मिली.

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी के साथ गुलाम नबी आजाद (फाइल फोटो)
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी के साथ गुलाम नबी आजाद (फाइल फोटो)

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लगातार मोर्चा खोले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की अध्यक्ष ममता बनर्जी द्वारा विपक्ष की एकजुटता के आह्वान पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद का भी साथ मिलता दिख रहा है. आजाद ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि विपक्ष के विभाजित रहने की वजह से ही लोकसभा और विधानसभा चुनावों एनडीए को जीत मिली.

पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'ममता जी की इस बात में बहुत वजन है. यह सच है कि विपक्षी दलों में एकजुटता के आभाव की वजह से ही मौजूदा (केंद्र) सरकार फल-फूल रही है.' वह कहते हैं, सिर्फ 30 फीसदी वोटरों ने मौजूदा एनडीए सरकार के पक्ष में वोट दिया, जबकि करीब 70% वोट इसके खिलाफ पड़े थे.

सेकुलर वोटों के बंटवारे से जीतती है बीजेपी
आजाद कहते हैं, 'यह सच है कि बीजेपी की जीत हमेशा ही सेकुलर वोटों के बंटवारे की वजह से होती है. सेकुलर वोट अगर एक हो जाएं, तो बीजेपी कभी न तो लोकसभा और ना ही विधानसभा चुनाव जीत पाएगी.'

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वहीं बजट की तारीखों को लेकर गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'बजट सत्र की तारीख आगे बढ़ाने की मांग पर हम सब एकजुट हैं. हमनें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भी इस बाबत चिट्ठी लिखी है.' आजाद कहते हैं कि इसी बीजेपी ने 2012 में यह मुद्दा उठाया था कि चुनावों के दौरान आम बजट पेश नहीं किया जाना चाहिए. हमारा कहना है कि यह सत्तापक्ष द्वारा एक तय प्रथा है.

नोटबंदी के बारे में पूछने पर कांग्रेस नेता आजाद बीजेपी के बदलते रुख पर सवाल खड़े करते हैं. वह कहते हैं कि विपक्ष आगामी विधानसभा चुनाव और आम बजट में यह मुद्दा उठाएगी.

वहीं जब यूपी की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी में जारी कलह के बारे सवाल पर यूपी चुनाव में कांग्रेस के प्रभारी आजाद बचते नजर आए. उनका कहना है कि यह कलह सपा का अंदरूनी मामला है.

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