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रिजिजू बोले- पाकिस्तान बॉर्डर पर सेंसर, कैमरों और रडार से होगी निगरानी

इस योजना के अमल होने पर 2900 किलोमीटर लंबे इंटरनेशनल बॉर्डर को पूरी तरह लॉक कर दिया जाएगा. चौबीसों घंटे नई तकनीक से सीमा की निगरानी की जाएगी. आजादी के बाद यह पहला मौका होगा जब सरकार पश्चिमी सीमा को पूरी तरह से लॉक करने जा रही है.

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पाकिस्तान के साथ लगी 2900 किलोमीटर लंबी पश्चिमी सीमा पहली बार पूरी तरह लॉक होगी
पाकिस्तान के साथ लगी 2900 किलोमीटर लंबी पश्चिमी सीमा पहली बार पूरी तरह लॉक होगी

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पठानकोट हमले से सबक लेते हुए केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के साथ लगी 2900 किलोमीटर लंबी पश्चिमी सीमा की सुरक्षा को और मजबूत करने की योजना को मंजूरी दे दी है. इस योजना के तहत बॉर्डर की फाइव-लेयर सुरक्षा की जाएगी.

आजादी के बाद पहली बार पूरी तरह लॉक होगा बॉर्डर
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, इस योजना के अमल होने पर 2900 किलोमीटर लंबे इंटरनेशनल बॉर्डर को पूरी तरह लॉक कर दिया जाएगा. चौबीसों घंटे नई तकनीक से सीमा की निगरानी की जाएगी. आजादी के बाद यह पहला मौका होगा जब सरकार पश्चिमी सीमा को पूरी तरह से लॉक करने जा रही है.

रिजिजू ने हाईटेक सिस्टम को मंजूरी दिए जाने की पुष्टि की
गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने फाइव लेयर निगरानी योजना को मंजूरी दिए जाने की पुष्टि करते हुए कहा, 'भारत पाकिस्तान की सीमा में कुछ जगह ऐसी हैं जहां से घुसपैठ की संभावना रहती है. ऐसे में इन जगहों को फूल फ्रूफ सुरक्षा देना सरकार का काम है. इसलिए नई-नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसमें सीसीटीवी कैमरा और थर्मल इमेज अंडर ग्राउंड मॉनिटरिंग सेंसर शामिल हैं.

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 सीमापार की गतिव‍िध‍ियों पर नजर रखेंगे कई उपकरण

एक अधि‍कारी के मुताबिक, सीमापार की गतिव‍िध‍ियों पर पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे, थर्मल इमेज और नाइट विजन उपकरण, युद्ध के मैदान में निगरानी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले राडार, भूमिगत मॉनिटरिंग सेंसर और लेजर बैरियर्स लगाए जाएंगे. ये सब उपकरण मिलकर काम करेंगे. इसका फायदा ये होगा कि घुसपैठ होने पर अगर एक उपकरण काम करना बंद कर दे तो दूसरा कंट्रोल रूम को इस बारे में सूचना दे देगा.

130 संवेदनशील स्थानों पर लगाए जाएंगे लेजर बैरियर
लेजर बैरियर्स को 130 ऐसे स्थानों पर लगाया जाएगा जहां फेंसिंग नहीं हुई है. इसमें जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी और नदी वाले इलाकों से लेकर गुजरात तक के हिस्से शामिल हैं. सीमा पार से आने वाले आतंकी और तस्कर इन्हीं इलाकों से सबसे ज्यादा घुसपैठ करते हैं.

CIBMS तकनीक से रोकी जाएगी घुसपैठ
सरकार ने 'कॉम्प्रिहेंसिव बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम' (CIBMS) तकनीक के जरिए 365 दिन बॉर्डर की निगरानी के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. CIBMS अधिकारी ने कहा कि पठानकोट जैसे हमलों, घुसपैठ, तस्करी की घटना को रोकने का यही एकमात्र रास्ता है.

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