एक असामान्य सा सन्नाटा वडोदरा शहर के पुराने हिस्से में पांव फैलाए पसरा हुआ है. दो दिनों तक सांप्रदायिक हिंसा की आशंकाओं से घिरे शहर के लोगों के चेहरे पर तनाव हावी है. हालांकि पुलिस से सलाह के बाद गुजरात सरकार ने ब्रॉडबैंड सर्विस को छोड़कर मोबाइल डाटा, एसएमएस और वायरलेस इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध लगा दिया है, ताकि अफवाहों पर लगाम लगाया जा सके.
पुलिस ने सांप्रदायिक हिंसा के कारणों के पीछे एसएमएस, व्हाट्स एप्प और फेसबुक पर फैली भ्रामक तस्वीरों को जिम्मेदार ठहराया है. पुलिस कमिश्नर ई. राधाकृष्णन ने बताया, 'गुरुवार और शुक्रवार को मोबाइल और एसएमएस के जरिए अफवाहें फैली, जिसकी वजह से संवदेनशील इलाकों में तनाव फैला. हालांकि बहुत बड़े पैमाने पर जान माल का नुकसान नहीं हुआ है. लेकिन शहर के हालात को देखकर लगता है कि जैसे बहुत घट चुका है. राज्य सरकार ने अफवाहों को रोकने के लिए एसएमएस और मोबाइल इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी है.'
पुलिस कमिश्नर की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन में कहा गया है कि 2जी, 3जी इंटरनेट सेवा, ग्रुप एसएमएस और एमएमएस को 30 सितंबर तक प्रतिबंधित कर दिया गया है. साथ ही इस प्रतिबंध का उल्लंघन करने वाली कंपनियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
अधिकारियों के मुताबिक यह प्रतिबंध 30 सितंबर तक जारी रहेगा, जब तक कि पुराना शहर अपनी सामान्य अवस्था में लौट नहीं आता. शहर के हिस्से ने कई सांप्रदायिक तनाव (जिसमें पत्थरबाजी, दुकानों का लूटा जाना और दो पहिया वाहनों में आग लगा दिये जाने की घटनाएं शामिल है) झेला है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को सांप्रदायिक हिंसा तब शुरू हुई जब भगवान श्रीराम और मां अंबे की तस्वीरों को फोटोशॉप कर मक्का में दिखाने वाली तस्वीरें व्हाट्स एप के जरिए पूरे शहर में फैला दी गई. पुलिस ने सुनील राउत नाम के एक शख्स को इस मामले में गिरफ्तार किया है. इस मामले में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी.
इसके बाद शुक्रवार को एक खास समुदाय के लहूलुहान व्यक्ति की तस्वीरें सोशल नेटवर्किंग साइटों पर फैलाई जाने लगी. इसे पीछे मोबाइल फोन की बड़ी भूमिका रही, इसके बाद सांप्रदायिक हिंसा की एक और लहर ने शहर के पुराने हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया.
शुक्रवार और शनिवार की रात पुलिस इलाके में कॉम्बिंग करती रही, लेकिन शुक्रवार के मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई, जबकि आठ लोगों को गुरुवार को हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया गया.
अतिरिक्त मुख्य सचिन एस. के. नंदा ने शुक्रवार को वड़ोदरा के दौरे के बाद कहा कि भले ही हिंसा की कोई बड़ी घटना ना हुई हो, लेकिन पुलिस तनाव हटाने और सामान्य अवस्था बहाल करने के लिए हर कदम उठा रही है.