पब में छोटे कपड़ों का विरोध कर विवाद में फंसे गोवा के मंत्री सुदिन धावालिकर ने अब बिकिनी को लेकर नया बयान दे दिया है. सुदिन ने मंगलवार को सरकार से मांग की कि वह गोवा के समुद्र तट पर बिकिनी पहनने पर प्रतिबंध लगाए. मंत्रीजी का तर्क है इससे छेड़छाड़ जैसी घटनाओं में वृद्धि होती है.
पीडब्ल्यूडी मंत्री धावालिकर ने कहा, 'हमें ऐसे लोगों (बिकिनी गर्ल्स) को सार्वजनिक जगहों पर आने की इजाजत नहीं देनी चाहिए, क्योंकि इससे गोवा में अलग-अलग राज्यों से आए लोगों पर काबू पाना मुश्किल हो जाता है.' खास बात यह कि धावालिकर का यह बयान मुख्यमंत्री मनोहर पारिर्कर से मुलाकात के ठीक बाद आया है.
धावालिकर ने कहा कि उनके विचारों के बारे में मुख्यमंत्री को अच्छी तरह से जानकारी है. सीएम पहले ही मसाज पार्लरों के खिलाफ एक्शन लेने में जुटे हुए हैं और वह इस बेकार चीज पर बंदिश लगाने के लिए कई स्तरों पर काम करेंगे.
तैरने के लिए बिकिनी की जरूरत कहां?
बिकिनी पर पाबंदी को लेकर सुदिन धावालिकर ने तर्क दिया कि समुद्र में तैरने के लिए बिकिनी की कोई अनिवार्यता नहीं है. सुदिन ने कहा, 'समुद्र तट पर बिकिनी की जरूरत कहां होती है? पूर्व के समय में भी बिकिनी नहीं थी. मुझे याद है कि 90 के दशक में भी समुद्र तट पर लोग बिकिनी नहीं पहनते थे.'
हालांकि इस पूरे मामले पर किसी भी टिप्पणी के लिए मुख्यमंत्री उपलब्ध नहीं हो सके. लेकिन बीजेपी ने मंत्रीजी के बयान की निंदा की है और कहा कि ऐसा करने से गोवा में पर्यटन पर असर पड़ेगा. पार्टी प्रवक्ता विल्फ्रेड मेसक्विटा ने कहा कि गोवा देश का एक अंग है और इसके साथ कोई अंतर नहीं किया जाएगा.
गौरतलब है कि सोमवार को धावालिकर ने श्रीराम सेना के प्रमुख प्रमोद मुथालिक के बयान पर सहमति जताते हुए पब में छोटे कपड़ों को लेकर टिप्पणी की थी. पीडब्ल्यूडी मंत्री ने कहा था, 'लड़कियों का छोटे कपड़े पहनकर पब जाना गलत संस्कृति को प्रदर्शित करता है. पब में लड़कियों का छोटे कपड़े पहनना हमारी संस्कृति में फिट नहीं बैठता है. अगर हम इसे अनुमति देते हैं तो हमारे गोवा की संस्कृति का क्या होगा?'
बीते महीने मुथालिक ने ऐलान किया था कि वह गोवा में अपनी ओर से आउटफिट लॉन्च करेंगे जो पब, ड्रग्स और सेक्स कल्चर के खिलाफ होगा.
और विरोध में भेज दिया पिंक स्कर्ट
सुदिन धावालिकर के छोटे कपड़ों संबंधी बयान के बाद कांग्रेस ने उन्हें कुरियर के जरिए एक पिंक स्कर्ट भेंट की है. गोवा में कांग्रेस प्रवक्ता दुर्गादास कामत ने कहा, 'हम किसी भी तरह के मोरल पॉलिसिंग को बर्दाश्त नहीं करेंगे. संविधान ने हमें यह अधिकार दिया है कि 18 साल की उम्र के बाद हर कोई यह निर्णय ले सके कि उसके लिए क्या अच्छा है और क्या गलत.'