तेलंगाना राज्य बनने का रास्ता साफ हुआ तो कई और छोटे राज्यों की मांग जोर पकड़ने लगी है. कल तक हरित प्रदेश, मिथिलांचल, विदर्भ और गोरखालैंड की मांग उठी थी आज पूर्वांचल की मांग ने जोर पकड़ा है. पूर्वांचल की मांग खुद कांग्रेस नेता जगदम्बिका पाल ने उठाई है.
जगदंबिका पाल ने कहा, 'क्षेत्र के लोगों की इच्छा है कि अलग पूर्वांचल राज्य बने. बिहार और यूपी के इलाकों को मिलाकर राज्य बनाना चाहिए.'
अलग राज्य बनाने को लेकर जो आग आंध्रप्रदेश में लगी है, सबसे पहले उसकी तपन महाराष्ट्र पहुंचीं. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता विलास मुत्तेमवार ने मंगलवार को महाराष्ट्र से काट कर पृथक विदर्भ राज्य के गठन की मांग उठाई. इससे सिलसिले में उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी भी लिखी. हमेशा से छोटे राज्यों की हिमायती रही बीजेपी ने उनके इस मांग का समर्थन किया. विदर्भ खनिज और प्राकृतिक संसाधनों के लिहाज से भले ही धनी क्षेत्र है. लेकिन विकास के मामले में विदर्भ को पीछे माना जाता है. विदर्भ से आने वाले नेताओं के मुताबिक विदर्भ की तुलना में पश्चिमी महाराष्ट्र को हमेशा तवज्जो दी जाती है. विदर्भ को कभी उसका हक नहीं दिया गया. विदर्भ को अलग राज्य बनाने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री पृथ्वीराज की कैबिनेट के मंत्री भी बीजेपी के सुर में सुर मिला रहे हैं. लेकिन इस मुद्दे पर सहयोगी शिवेसना बीजेपी के सख्त खिलाफ है. शिवसेना को महाराष्ट्र से अलग विदर्भ कतई मंजूर नहीं है.
विदर्भ के अलावा पश्चिम बंगाल से गोरखालैंड, असम से बोडोलैंड और उत्तर प्रदेश से हरित प्रदेश के निर्माण की मांग ने भी जोर पकड़ ली है. केन्द्रीय मंत्री अजित सिंह नीत राष्ट्रीय लोक दल (RLD) ने पहले ही उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों को लेकर एक अलग हरित प्रदेश के निर्माण की अपनी मांग मुखर कर दी है. वह अलग बुंदेलखंड राज्य के निर्माण के पक्ष में भी हैं. यह क्षेत्र उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच में विभाजित है.
गोरखालैंड और बोडोलैंड के समर्थकों ने धमकी दी कि वे पृथक राज्य के गठन के लिए अपना आंदोलन तेज करेंगे. उनका कहना है कि तेलंगाना के गठन के साथ केन्द्र उन्हें उनकी पुरानी और न्यायोचित मांग से वंचित नहीं रख सकता है.
गोरखालैंड की मांग को लेकर दार्जिलिंग की पहाड़ियों में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के 72 घंटे के बंद के आह्वान के दूसरे दिन मंगलवार को कलिमपोंग के दम्बारचौक में जीजेएम के एक समर्थक ने आत्मदाह का प्रयास किया.
पुलिस ने कहा कि कलिमपोंग के रहने वाले मंगल सिंह राजपूत (45) ने खुद पर पेट्रोल उड़ेल लिया और भीड़भाड़ वाले दम्बरचौक की तरफ बढ़कर खुद को आग लगा ली.
घटना से भौंचक लोग उसे बचाने दौड़े और आग बुझाने का प्रयास किया. राजपूत को अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने कहा कि उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है क्योंकि वह 90 फीसदी जल चुका है.
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (GJM) के महासचिव रोशन गिरि और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (BPF) के सांसद सानसुमा खुंग्गूर बिसुमतारी ने कहा कि उनके पास पश्चिम बंगाल और असम का विभाजन कर पृथक राज्यों के गठन के लिए आंदोलन तेज करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है.
वहीं, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आंदोलन के बाद नये राज्यों के निर्माण को खतरनाक बताया है. जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यवाहक अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने अलग तेलंगाना राज्य के मुद्दे पर एतराज जताते हुए कहा था कि यह उन शक्तियों के लिए प्रेरक का काम कर सकता है जो देश में दूसरी जगहों पर इसी तरह की मांगों को ले कर आंदोलन चला रहे हैं.
पृथक तेलंगाना पर फैसले की पृष्ठभूमि में कई छोटे-छोटे राज्यों के गठन की मांग के बीच कांग्रेस ने आज ऐसी किसी भी संभावना से कमोबेश इनकार कर दिया.
आंध्र प्रदेश के प्रभारी कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह से जब पूछा गया कि देश के कई हिस्सों से अलग राज्य बनाने की मांग उठ रही है, इस पर उन्होंने कहा, ‘प्रदर्शनों के आधार पर ही राज्य नहीं बना दिए जाते. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का अध्ययन करना होता है.’