चीनी माल के बारे में कहावत है कि वह चलाऊ नहीं होता. अब यही बात पाकिस्तानी आतंकियों के बारे में कही जाने लगी है. उधमपुर में हमला करने आए आतंकी नवेद उर्फ कासिम के जिंदा पकड़े जाने के बाद पाकिस्तान यह सोचने को मजबूर हो गया है कि वह आतंकियों की कैसी खेप तैयार कर रहा है. पहले नवेद से जुड़ी इन 5 बातों पर गौर कीजिए.
1. नवेद को जिन लोगों ने पकड़ा वो सेना के जवान नहीं, बल्कि गांव की सुरक्षा समिति के साधारण से लोग थे. उन्होंने ही उसे पकड़कर पुलिस के हवाले किया था.
2. पकड़े जाने से पहले नवेद कुछ लोगों को बंधक बनाकर जान से मारने की धमकी दे रहा था. पुलिस को आते देख कहने लगा कि मैं तुम्हें नुकसान नहीं पहुंचाऊंगा.
3. नवेद ने भूख के आगे घुटने टेक दिए. जिन लोगों को उसने बंधक बनाने की कोशिश की, उन्होंने ही उसे रुकने को कहा और हाथ से हथियार छुड़ाकर पकड़ लिया.
4. पकड़े जाने पर नवेद गिड़गिड़ाने लगा था. वह कह रहा था - मुझे मत पकड़ो, मुझे मत पकड़ो. जबकि पाक पकड़े जाने से पहले फख्र से मर जाने की ट्रेनिंग देता है.
5. पूछताछ करने वाले अफसर का कहना है कि नवेद ट्रेनिंग कैंप को पिकनिक की तरह याद करता है. उसका बर्ताव टीनएजर जैसा है. वो खुश है कि घर लौट जाएगा.
पाकिस्तान एक आतंकी पर कितनी मेहनत करता है. पहले छोटे बच्चों का ब्रेनवॉश किया जाता है. फिर शुरुआती ट्रेनिंग दी जाती है. फिर सेना के रिटायर्ड अफसरों से ट्रेनिंग दिलवाई जाती है. इसमें पास होने के बाद खास मिशन के लिए लड़ाके चुने जाते हैं. नतीजा निकलता है- नवेद जैसे टीनएजर, जिन पर उसके आका भी पछतावा करते हैं.
एक बात गुरदासपुर हमले की भी...
पंजाब में गुरदासपुर के दीनानगर थाने पर हमला करने आए पाकिस्तानी आतंकियों को शहीद एसपी बलजीत सिंह ने जब ललकारा था कि सामने आकर लड़ो तो उन्होंने कहा था एेसे छुपकर ही वार करेंगे. फिर पंजाब पुलिस के स्वैट कमांडो ने तीनों को मार गिराया था.