पंजाब में आज की तारीख में चुनाव कराए जाएं तो कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुआई में कांग्रेस पंजाब विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरेगी. दूसरे नंबर पर अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) है. वहीं सत्तारुढ़ शिरोमणि अकाली दल-बीजेपी गठबंधन की हालत खस्ता होने के साथ वो तीसरे नंबर पर रहेगा. ये निष्कर्ष इंडिया टुडे ग्रुप के लिए कराए एक्सिस-माई-इंडिया ओपिनियन पोल से निकला है. ओपिनियन पोल के मुताबिक 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा में किसी भी पार्टी को अपने बूते बहुमत नहीं मिलने जा रहा.
सीटें
ओपिनियन पोल में कांग्रेस को 49 से 55 सीटें मिलती दिख रही हैं. वहीं आम आदमी पार्टी के खाते में 42 से 46 सीटें जा रही हैं. वहीं SAD-BJP को 17 से 21 सीटों पर ही संतोष करना होगा. इसके अलावा कुछ छोटे ग्रुप्स भी 3 से 7 सीटों पर जीत हासिल करते नजर आ रहे हैं.
वोट शेयर
जहां तक वोट शेयर का सवाल है तो कांग्रेस के खाते में 33 फीसदी वोट जाते दिख रहे हैं. वहीं AAP को 30 फीसदी और SAD-BJP गठबंधन को 22 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है. अन्य के खाते में 15 फीसदी वोट जा सकते हैं.
ड्रग्स
ओपिनियन पोल में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियो में से अधिकतर 76 फीसदी ने माना कि ड्रग्स पंजाब को प्रभावित करने वाली बड़ी समस्या है. इनमें से 80 फीसदी ने इस समस्या पर काबू ना पाने के लिए पंजाब सरकार और राजनेताओं को जिम्मेदार ठहराया.
किसान
पंजाब में कर्ज के बोझ में दबे कई किसानों की खुदकुशी के वाकये भी सामने आए हैं. ओपिनियन पोल के 65 फीसदी से अधिक प्रतिभागियों ने राज्य की फसल बीमा योजना को लेकर असंतोष जताया. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और फसलों के भुगतान को लेकर भी 55 फीसदी प्रतिभागी नाखुश दिखे.
औसतन 60 फीसदी से अधिक प्रतिभागियों ने ड्रग समस्या समेत 19 सूचकांकों पर राज्य सरकार के कामकाज को लेकर असंतोष जताया.
सत्ता विरोधी रुझान
पंजाब में तेज सत्ता विरोधी रूझान नजर आ रहा है. इसका स्तर 61 से 71 फीसदी है. बता दें कि पंजाब में पिछले दो चुनाव से SAD-BJP गठबंधन जीतता आ रहा है.
ओपिनियन पोल के नतीजों से पता चलता है कि कांग्रेस को अनुसूचित जाति के सिखों और हिंदुओं में से 35 फीसदी वोट मिलने जा रहे हैं. जहां तक अगड़ी जातियों के सिखों का सवाल है तो कांग्रेस को उनके 30 फीसदी वोट मिलते दिख रहे हैं. वहीं अगड़ी जातियों के 38 फीसदी हिंदू कांग्रेस के पक्ष में खड़े हैं.
अन्य पिछड़ी जातियों (OBC) के 35 फीसदी हिंदू और 29 फीसदी सिख कांग्रेस के साथ खड़े नजर आ रहे हैं. ओपिनियन पोल के मुताबिक केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को OBC सिखों के मामले में कांग्रेस पर हल्की बढ़त नजर आ रही है. AAP को OBC सिखों के 30 फीसदी वोट मिलते दिख रहे हैं.
अगड़ी जातियों के हिंदुओ में AAP को 26 फीसदी वोट मिलते दिख रहे हैं. वहीं इस पार्टी को अगड़ी जाति के सिखों के 29 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है.
आय-वर्ग
विभिन्न आय वर्गों में कांग्रेस को पहली पसंद माना जा रहा है. दूसरे नंबर पर AAP को समर्थन मिल रहा है.
10,000 से 20,000 रुपए मासिक आय वर्ग के 35 फीसदी प्रतिभागी कांग्रेस के पक्ष में खड़े हैं. 10,000 से नीचे मासिक आय वालो में 32 फीसदी कांग्रेस के साथ हैं.
तीन अलग अलग आय वर्गों में AAP को 25 से 30 फीसदी के बीच समर्थन मिल रहा है.
पंजाब के एक-तिहाई किसान और पेशेवर लोग कांग्रेस के साथ हैं. ओपिनियन पोल के मुताबिक छोटे दुकानदारों और श्रमिकों में 35 फीसदी से ज्यादा का समर्थन कांग्रेस को मिल रहा है.
वहीं, AAP को 37 फीसदी छात्रों और 34 फीसदी बेरोजगारों का साथ मिल रहा है. पारंपरिक किसान समुदाय में समर्थन के मामले में कांग्रेस से सत्तारूढ SAD ज्यादा पीछे नहीं हैं. ओपिनियन पोल के नतीजों से पता चलता है कि पंजाब के 30 फीसदी किसान अब भी SAD के साथ मजबूती से डटे हैं.
पंजाब का हालिया चुनावी इतिहास देखे तो SAD को सबसे बुरी हार का सामना 2002 में करना पड़ा था. तब इस पार्टी को सिर्फ 41 सीट मिलेगी. तब SAD अध्यक्ष प्रकाश सिंह बादल और अकाली दिग्गज गुरचरण सिंह तोहड़ा के बीच छत्तीस का आंकड़ा जगजाहिर था.
वोट शिफ्ट
2014 लोकसभा चुनाव के बाद से सत्तारूढ़ SAD-BJP गठबंधन के वोट शेयर से 22 फीसदी वोट छिटक कर AAP के पाले में चले गए हैं. वहीं इस गठबंधन के 19 फीसदी वोट कांग्रेस की ओर भी शिफ्ट हुए हैं.
जहां तक कांग्रेस का सवाल है तो वो 2014 लोकसभा चुनाव के अपने 74 फीसदी वोट अपने साथ रखने में कामयाब नजर आ रही है. वहीं AAP का अपने 80 फीसदी वोटों पर कब्जा बरकरार है.
मेथोडोलॉजी
ओपिनियन पोल के लिए सभी 117 विधानसभा क्षेत्रों में बंटे 6,552 लोगों से रू-ब-रू होकर उनकी राय ली गई.