विकिलीक्स खुलासे में अमेरिका से आतंकवाद के खिलाफ जंग के नाम पर मिलने वाले अरबों डॉलर पाकिस्तान द्वारा आतंक के पोषण में खर्च किये जाने के उल्लेख के बाद सुरक्षा विशेषज्ञों ने भारत सरकार से विदेश नीति की व्यापक समीक्षा करने और सुरक्षा ढांचे को दुरूस्त बनाने की मांग की है.
इंस्टीच्यूट आफ डिफेंस रिसर्च एंड एनालिसिस (आईडीएसए) के विशेषज्ञ प्रकाश फड़के ने कहा ‘‘ इन परिस्थितियों में भारत की ओर से पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिये जाने की जरूरत है कि उसकी ओर से नियंत्रण रेखा के उल्लंघन, आतंकवादियों की घुसपैठ आदि का मुनासिब जवाब दिया जायेगा.’’ उन्होंने कहा कि भारतीय जल के उपयोग, दोनों देशों के बीच जनता के स्तर पर सम्पर्क को बढ़ावा देने और वीजा नियमों को सरल बनाये जाने सहित विश्वास बहाली के उपायों (सीबीएम) की भी समीक्षा हो.
इंडियन डिफेंस रिव्यू के भारत शर्मा ने कहा ‘‘ विकिलीक्स में जो खुलासा हुआ है, उसमें कोई नई बात नहीं है. इस खुलासों के बारे में भारत सरकार और खुफिया एजेंसियों को पहले से ही जानकारी थी. इन बातों की अब केवल पुष्टि हुई है. भारत सरकार ने जानकारी के बावजूद कदम नहीं उठाया.’
उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान एवं उसकी एजेंसियां सीमा पार से जाली रूपया भारत भेज रही हों, पाक अधिकृत कश्मीर में 42 आतंकी शिविर चला रही हों, आतंकवादियों की घुसपैठ करा रही हों, राष्ट्रमंडल खेल के आयोजन को निशाना बनाने की साजिश रच रही हों, तो भारत को पाकिस्तान से कोई बातचीत नहीं करनी चाहिए.{mospagebreak}
शर्मा ने कहा ‘‘विकिलीक्स के खुलासे से दुनिया के सामने पाकिस्तान का चेहरा उजागर हुआ है. भारत का आर्थिक, सैनिक विकास उसके अपने हाथ में है. इसमें पाकिस्तान के साथ बातचीत का कोई मतलब नहीं है.’’ उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की उभरती हुई महाशक्ति है. भारत की मदद के बिना पाकिस्तान में स्थिरता नहीं आ सकती . इसके लिए पाकिस्तान को अपना घर दुरूस्त कर भारत से शांति की पहल करने की जरूरत है.
पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक के पी एस गिल ने कहा ‘विकिलीक्स के खुलासे के बाद भारत को पाकिस्तान पर राजनयिक दबाब बढ़ाना चाहिए जैसा कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन की यात्रा के दौरान देखने को मिला.’’ उल्लेखनीय है कि कैमरन ने भारत यात्रा के दौरान पाकिस्तान से आतंकवाद का निर्यात रोकने को कहा था.
गिल ने कहा कि भारत को आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के साथ सीमा पर चौकसी के खास उपाय करने चाहिए.
पूर्व पुलिस प्रमुख ने हालांकि पाकिस्तान के साथ बातचीत जारी रखने की हिमायत करते हुए कहा ‘‘ बातचीत होगी तभी इस खुलासे के तथ्यों को पाकिस्तान के समक्ष उठाया जा सकेगा.’
सीबीआई के पूर्व प्रमुख जोगिन्दर सिंह ने कहा ‘विकिलीक्स ने जो खुलासा किया है, उसके बारे में पहले ही प्रधानमंत्री जिक्र कर चुके हैं. इसमें कुछ भी नया नहीं है. पाकिस्तान की ओर से इस प्रकार की गतिविधि चलती रहेगी.’{mospagebreak}
सिंह ने कहा ‘‘ इस विषय को भारत को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की नवंबर में भारत यात्रा के दौरान प्रमुखता से उठाना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि सरकार को अपनी विदेश नीति को नयी दिशा देने की जरूरत है और इसके लिए सरकार को ठोस कदम उठाने की जरूरत है.
वेबसाइट ‘विकिलीक्स’ के खुलासे में काबुल में भारतीय दूतावास पर संभावित हमले की चेतावनी और पाकिस्तान को अमेरिका से आतंकवाद के खिलाफ जंग के नाम पर मिलने वाले अरबों डॉलर की सहायता युद्ध प्रभावित देश में विद्रोह को बढ़ावा देने में खर्च करने की बात सामने आई है.
यह दस्तावेज उन 92 हजार गोपनीय खुफिया खबरों में से एक है, जो लीक हो गई हैं. इन खबरों में कहा गया है कि अफगानिस्तान में युद्ध अमेरिका के लिए खतरनाक होता जा रहा है और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई युद्ध प्रभावित देश में विद्रोह को बढ़ावा दे रही है. भारतीय दूतावास पर हमले संबंधी दस्तावेज का शीर्षक ‘थ्रैट रिपोर्ट: थ्रैट टू इंडियन एंबेसी’ है.
दस्तावेज के मुताबिक ‘तालिबान काबुल में भारतीय दूतावास पर हमले की योजना बना रहा है. इसके लिए उसने एक इंजीनियर.. को जिम्मेदारी सौंपी है.’’ उल्लेखनीय है कि काबुल स्थित भारतीय दूतावास में सात जुलाई, 2008 को एक आत्मघाती हमले में लगभग 58 लोग मारे गए थे और कम से कम 140 घायल हो गए थे.
रिपोर्ट के मुताबिक ‘‘ इस अभियान के लिए 1,20,000 डॉलर का बजट निर्धारित किया गया है.’’ दस्तावेजों में कहा गया है कि आईएसआई के प्रतिनिधि तालिबान के आतंकवादियों से सीधे संपर्क बना कर उन्हें अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी सैनिकों को मारने में मदद करते थे.