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अफजल गुरु: संसद पर हमले से फांसी तक का घटनाक्रम

संसद हमले के दोषी मोहम्मद अफजल गुरु को शनिवार को तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गयी. पढ़ें जैश-ए-मोहम्मद के इस आतंकवादी को फांसी पर लटकाए जाने तक का पूरा घटनाक्रम.

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संसद हमले के दोषी मोहम्मद अफजल गुरु को शनिवार को तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गयी. जैश-ए-मोहम्मद के इस आतंकवादी को फांसी पर लटकाए जाने तक का पूरा घटनाक्रम इस प्रकार है:

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13 दिसंबर 2001: पांच आतंकवादियों ने संसद परिसर में घुस कर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी. नौ लोग मारे गए और 15 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.

15 दिसंबर 2001: दिल्ली पुलिस ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक सदस्य अफजल गुरु को जम्मू कश्मीर से पकड़ा. दिल्ली विश्वविद्यालय के जाकिर हुसैन कॉलेज के एसएआर गिलानी से पूछताछ की गयी और बाद में गिरफ्तार किया गया. इसके बाद दो अन्य- अफसान गुरु और उसके पति शौकत हुसैन गुरु को पकड़ा गया.

29 दिसंबर 2001: अफजल गुरु को 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया.

4 जून 2002: चार लोगों- अफजल गुरु, गिलानी, शौकत हुसैन गुरु, अफसान गुरु के खिलाफ आरोप तय.

18 दिसंबर 2002: एसएआर गिलानी, शौकत हुसैन गुरु और अफजल गुरु को मृत्युदंड जबकि अफसान गुरु को बरी किया गया.

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30 अगस्त 2003: हमले का मुख्य आरोपी जैश-ए-मोहम्मद नेता गाजी बाबा श्रीनगर में बीएसएफ के साथ मुठभेड़ में मारा गया. 10 घंटे तक चली मुठभेड़ में उसके साथ ही तीन और आतंकवादी मारे गये.

29 अक्टूबर 2003: मामले में गिलानी बरी.

4 अगस्त 2005: उच्चतम न्यायालय ने अफजल गुरु को मौत की सजा पर मुहर लगायी वहीं शौकत हुसैन गुरु की मौत की सजा को बदलकर 10 साल सश्रम कारावास कर दिया.

26 सितंबर 2006: दिल्ली अदालत ने अफजल को फांसी पर लटकाने का आदेश दिया.

3 अक्टूबर 2006: अफजल गुरु की पत्नी तब्बसुम गुरु ने तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के समक्ष दया याचिका दायर की.

12 जनवरी 2007: उच्चतम न्यायालय ने मौत की सजा की समीक्षा को लेकर अफजल गुरु की याचिका ‘विचार योग्य नहीं’ कहते हुए खारिज की.

19 मई 2010: दिल्ली सरकार ने अफजल गुरु की दया याचिका खारिज की, उच्चतम न्यायालय द्वारा उसे दिए गए मृत्युदंड का समर्थन किया.

30 दिसंबर 2010: दिल्ली के तिहाड़ जेल से शौकत हुसैन गुरु रिहा.

10 दिसंबर 2012: गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि 22 दिसंबर को संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त होने के बाद अफजल गुरु की फाइल पर गौर करेंगे.

3 फरवरी 2013: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अफजल गुरु की दया याचिका ठुकराई.

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9 फरवरी 2013: तिहाड़ जेल में अफजल गुरु को दी गयी फांसी.

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