scorecardresearch
 

अफजल गुरु ने बीवी को लिखा था आखिरी खत

फांसी पर चढाए जाने से चंद घंटे पहले अफजल गुरु ने बीवी के नाम अपना आखिरी खत लिखा था. तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि उर्दू में लिखे गए इस खत को शनिवार को ही भेज दिया गया, लेकिन कश्मीर में उसकी बीवी के पास अभी तक यह खत नहीं पहुंचा है.

Advertisement
X

फांसी पर चढाए जाने से कुछ घंटे पहले अफजल गुरु ने अपनी पत्नी के नाम अपना आखिरी खत लिखा था. फांसी देने की पूरी कार्रवाई को कूट नाम ‘आपरेशन थ्री स्टार’ दिया गया था. उर्दू में लिखे गए इस खत को शनिवार को ही भेज दिया गया, लेकिन कश्मीर में उसकी बीवी के पास अभी तक यह खत नहीं पहुंचा है.

Advertisement

तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि 2001 में संसद पर हुए हमला मामले में दोषी ठहराए गए अफजल गुरु को 8 फरवरी की शाम को बताया गया था कि अगले दिन सुबह ‘आपरेशन थ्री स्टार’ कूट नाम के तहत उसे फांसी दे दी जाएगी.

अफजल को फांसी देने की तैयारी 4 फरवरी को गृह मंत्रालय की हरी झंडी मिलने के साथ ही शुरू हो गई थी.

अपना नाम जाहिर नहीं होने देने की शर्त पर अधिकारी ने कहा, ‘जब उसे फांसी की जानकारी दी गई तब वह शांत और प्रतिक्रिया विहीन था. उसने इच्छा जाहिर की कि वह अपनी बीवी को खत लिखना चाहता है. जेल अधीक्षक ने उसे कलम और कागज दिया.’

अधिकारी ने बताया, ‘उसने उर्दू में खत लिखा जिसे कश्मीर में रह रहे परिवार के पते पर उसी दिन भेज दिया गया.’

Advertisement

जब घाटी के सोपोर में रह रहे उसके परिवार से खत के बारे में पूछताछ की तो उन्होंने कहा कि अभी तक उन्हें यह खत नहीं मिला है. अफजल गुरु के चचेरे भाई यासीन गुरु ने बताया, ‘हमें अभी तक खत नहीं मिला है. जो खत हमें मिला है वह शायद उसकी फांसी दिए जाने की जानकारी से संबंधित है.’

अफजल गुरु को तिहाड़ जेल संख्या-3 स्थित उसके एकांत वाले सेल के ही समीप फांसी देने के लिए जल्लाद को बुलाया गया था.

एक अधिकारी ने बताया, ‘इस फैसले की जानकारी कुछ गिने चुने अधिकारियों को ही दी गई थी. तीन चिकित्सकों और एक मौलवी, जिन्होंने उसका कफन-दफन किया को एक रात पहले गुप्त रूप से सूचित कर दिया गया था. उन्हें शनिवार सवेरे ही आने के लिए कह दिया गया था.’

कार्रवाई को गोपनीय रखने का मकसद इसकी जानकारी लोगों को नहीं होने देना था.

अफजल ने सुबह की अपनी नमाज अदा की और पवित्र कुरान के कुछ पन्नों का पाठ किया. फांसी वाली सुबह वह शांत था और उसने अधिकारियों का अभिवादन किया. इनमें से कई लोगों को उसने उनके पहले नाम से संबोधित किया. फांसी के बाद अफजल को उसके सेल के पास ही दफना दिया गया.

परिवार ने मांग की है कि उन्हें अफजल गुरु का अंतिम संस्कार करने की इजाजत मिलनी चाहिए. अधिकारियों ने कहा है कि ‘सरकार इस बारे में फैसला लेगी.’

Advertisement

जेल में अकेलेपन के दौरान पढ़ते लिखते हुए समय गुजारने वाला अफजल गुरु ढेर सारी किताबें और हाथ से लिखे लेख छोड़ गया है. परिवार ने जेल अधिकारियों से कहा है कि अफजल के सभी सामान उन्हें सौंपे जाएं. अधिकारी ने कहा कि इस मामले पर फैसला सरकार ले सकती है.

गौरतलब है कि अफजल गुरु को 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए हमले की साजिश रचाने का दोषी ठहराया गया था.

Advertisement
Advertisement