संसद पर हमले का दोषी अभियुक्त अफजल गुरु शनिवार तड़के फांसी पर लटकाए जाने से पहले पूरी तरह शांत था. जेल के अधिकारियों ने बताया कि अफजल शांति के साथ फांसी के फंदे तक गया और उस समय वह बेहद शांतचित्त था.
तिहाड़ जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘अंतिम क्षणों के दौरान वह बेहद शांत और स्थिर था. वह काफी स्थिर चित्त दिख रहा था.’अधिकारी ने बताया कि गुरु के परिवार को उसे फांसी दिए जाने के बारे में बता दिया गया था.
अफजल फांसी दिए जाने के मुद्दे पर करीब दस साल तक तिहाड़ जेल में रहा. उसे वर्ष 2001 के संसद हमले में दोषी ठहराया गया था.
एक विशेष अदालत ने उसे 2002 में फांसी की सजा दी थी जिसे बाद में उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2005 में सही ठहराया था और 43 वर्षीय गुरु की दया याचिका को कुछ दिन पहले ही राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने नामंजूर कर दिया था. राष्ट्रपति भवन के प्रवक्ता वेणु राजामणि ने यह जानकारी दी.