संसद पर हमला करने के दोषी अफजल गुरु को फांसी पर लटका दिया गया. उसे दिल्ली स्थित तिहाड़ में फांसी दी गई. फांसी के बाद राजनैतिक दलों के साथ ट्विटर पर भी लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी हैं.
हरीश रावत: कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा कि अफजल की फांसी के मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.
विनय कटियार: विनय कटियार ने कहा कि चुनाव को ध्यान में रखकर अफजल को फांसी दी गई है. केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार दोनों ने अफजल की फाइल आगे बढ़ाने में देरी की.
मुरली मनोहर जोशी: बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है. लेकिन उन्होंने ये भी कहा है कि ये फांसी पहले ही दे दी जानी चाहिए थी.
सोमनाथ चटर्जी: सोमनाथ चटर्जी ने भी अफजल को फांसी देने का स्वागत किया.
भाकपा-माले: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) लिबरेशन ने अफज़ल गुरू को फांसी दिए जाने को ‘न्याय को फांसी देना’ बताते हुए आरोप लगाया कि नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने की चाहत रखने वाली सांप्रदायिक फासीवादी शक्तियों को खुश करने के लिए ऐसा किया गया है.
कैलाश विजयवर्गीय: कैलाश विजयवर्गीय ने कहा मोदी की लोकप्रियता कम करने के लिए अफजल को फांसी.
पूर्व सीबीआई डायरेक्टर जोगिन्दर सिंह: देर से उठाया गया कदम, इसलिए कम प्रभाव छोड़ेगा.
सीताराम येचुरी: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सीताराम येचुरी ने शनिवार को संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी पर लटकाए जाने के बाद कहा कि देश का कानून अंतत: अपने निष्कर्ष पर पहुंचा.
अल्तमस कबीर: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश अल्तमस कबीर ने कहा कि ये फांसी में देरी न्यायिक प्रक्रिया का सवाल नहीं है. हर चीज अपने वक्त पर होती है.
बाबा रामदेव: बाबा रामदेव ने कहा अफजल गुरु के साथ गुरु शब्द ना जोड़ा जाए. ये भारत की गुरु परंपरा का अपमान है. सरकार वोट बैंक की राजनीति कर रही है. आतंकियों को सबक सिखाना दंडित करने की मंशा नहीं है. हिंदू समाज को खुश करने के लिए मुस्लिम आतंकवादी को फांसी दी गई है. कांग्रेस हिंदू और मुसलमानों में दूरी पैदा कर रही है.
असादुद्दीन औवेसी: मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असादुद्दीन औवेसी ने कहा कि फांसी से पहले अफजल की पत्नी को सूचित किया जाना चाहिए था.
दिग्विजय सिंह: कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा सरकार ने सही समय पर लिया है सही फैसला. उन्होंने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे पर राजनीति ना करे.
रविशंकर प्रसाद: बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अफजल को फांसी न्यायिक प्रक्रिया का भाग है जो कि पहले ही होनी चाहिए थी. संसद पर हमला देश पर हमला था. आज संदेश दिया गया है कि भारत आतंकवाद को बिल्कुल नहीं बर्दाश्त करेगा.
प्रवीण तोगड़िया: वीएचपी नेता प्रवीण तोगड़िया ने भी फांसी का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि हालांकि सरकार ने कदम देर से उठाया है. उन्होंने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को इसकी बधाई दी.
नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री: अफजल की फांसी स्वागत योग्य लेकिन देर से लिया गया फैसला.
राम आसरे कुशवाहा, समाजवादी पार्टी: आतंकवादियों का कोई जाति या धर्म नहीं होता. देर से ही सही लेकिन सही कदम उठाया गया.
उमर अब्दुल्ला, मुख्यमंत्री: गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने मुझे कल (शुक्रवार को) रात 8 बजे यह बता दिया था कि आज (शनिवार को) फांसी दे दी जाएगी. मैं राज्य के निवासियों से शांति की अपील करता हूं. मैं मीडिया से भी गुजारिश करता हूं कि अफवाहों के आधार पर खबरें ना दिखाएं.
जया बच्चन, समाजवादी पार्टी: मैं इस समय कोई राजनीतिक बयान नहीं दूंगी. आप सवाल संसद में पूछिए.
संजय राउत, शिवसेना: मैं प्रणब मुखर्जी और गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे को बधाई देता हूं. सरकार ने अफजल को फांसी देकर पाकिस्तान को संदेश दिया है.
मनीष तिवारी, कांग्रेस: सरकार चाहती है कि देश में सौहार्द की स्थिति बनीं रहे, यह फांसी देश हित में लिया गया है ना कि चुनाव को देखते हुए.
जगदंबिका पाल, कांग्रेस: अगर हमारे देश पर कोई हमला होता है तो दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.
राम माधव, आरएसएस: अफजल गुरु की फांसी का हम स्वागत करते हैं. उसने भारत की स्वायत्तता को निशाना बनाने की कोशिश की.
अरविंद केजरीवाल, आप पार्टी: अफजल की फांसी पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए.
गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे: 3 फरवरी को राष्ट्रपति ने दया याचिका खारिज कर दी थी. आज सुबह 8 बजे अफजल को फांसी दे दी गई.
बीजेपी: पार्टी प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यह कार्रवाई देर से आई है लेकिन स्वागतयोग्य है.
गृह सचिव आर के सिंह: राष्ट्रपति ने 3 फरवरी को अफजल की फांसी याचिका ठुकरा दी और उसे आज फांसी दे दी गई और डॉक्टर ने सुबह 8 बजे उसे मृत घोषित किया.
नरेंद्र मोदी, बीजेपी: देर आए, दुरुस्त आए.
किरण बेदी: अफजल गुरु को लटकाया गया, कानून ने प्रक्रिया पूरी की.
सुहेल सेठ: इस सरकार ने कुछ तो साहस दिखाया. आखिर प्रणब निर्णायक बने.
अशोक सिंघल, वीएचपी: हम सरकार का समर्थन करते हैं, सही लेकिन देर से लिया गया फैसला.