अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने सोमवार को वकीलों को सुने बिना मामले खारिज करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपना विरोध दर्ज कराया. वेणुगोपाल ने यह विरोध चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने दर्ज कराया.
उन्होंने कहा कि देश के दूर-दराज के इलाकों से नागरिक शीर्ष अदालत में आते हैं और सीजेआई नीत पीठ याचिका विचार के लिए स्वीकार करने के चरण में उन्हें सुने बिना ही उनकी याचिकाएं खारिज कर रही है.
शीर्ष विधि अधिकारी ने कहा, ‘लोग हजारों मील यात्रा करके इस अदालत में आते हैं और न्यायाधीश उनकी दलीलें सुनते तक नहीं हैं और मामले यह कहकर खारिज कर देते हैं कि आपने इसे पढ़ लिया है. यह सही तरीका नहीं है, कम से कम विचार के लिए स्वीकार करने के चरण में उन्हें सुना जाना चाहिए.’
सीजेआई गोगोई ने कहा कि वह उनकी चिंताओं पर संज्ञान ले रहे हैं. सीजेआई के साथ पीठ में न्यायमूर्ति एस के कौल भी मौजूद थे.
दरअसल, वेणुगोपाल पीठ के सामने कर संबंधी एक मामले में राजस्थान सरकार की तरफ से पेश हुए थे और जब उन्हें लगा कि अदालत याचिका विचारार्थ स्वीकारने की इच्छुक नहीं है तो उन्होंने विरोध जताया. सीजेआई ने कहा, ‘ठीक है, मिस्टर वेणुगोपाल. हम आपके बयान को सही भावना से लेते हैं. आप अब दलील दे सकते हैं.’