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पुलवामा: जांच एजेंसियों के हाथ लगा पहला सुराग, हमले में इस्तेमाल कार 2010 मॉडल थी

पुलवामा आतंकी हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी को हमले में इस्तेमाल की गई कार को लेकर अहम सुराग लगे हैं. एजेंसी इन सुरागों की बिनाह पर कार के मालिक तक पहुंचने के करीब है.

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पुलवामा हमले में हाथ लगे अहम सुराग (फोटो-पीटीआई)
पुलवामा हमले में हाथ लगे अहम सुराग (फोटो-पीटीआई)

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जम्मू-कश्मीर के पुलवामा हमले की जांच कर रही एजेंसियों को आत्मघाती दस्ते द्वारा प्रयोग में लाई गई कार को लेकर अहम सुराग मिले हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा घटनास्थल से कार के हिस्सों की मारूती के अधिकारियों द्वारा अध्ययन करने पर पता चला है कि यह 2010-11 मॉडल मारूती ईको कार थी जिसे कुछ समय पहले फिर से पेंट कराया गया था. बता दें कि 14 फरवरी को सुरक्षाबलों के काफिले पर इसी विस्फोटक लदी कार से आत्मघाती हमला हुआ था जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे.

अंग्रेजी अखबार दि इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक पुलवामा हमले की जांच कर रही एजेंसियों को आतंकियों द्वारा प्रयोग में लाई गई कार को लेकर जो अहम सुराग हाथ लगे हैं उसे सत्यापित किया जा रहा है. बता दें कि NIA अधिकारियों के एक दल ने शुक्रवार को घटनास्थल पहुंचकर कुछ सैंपल इकट्ठा किए थे. अधिकारियों के मुताबिक यह ब्लास्ट इतना बड़ा था कि इसके अवशेष 150-200 मीटर दूर रिहायशी इलाकों तक फैल गए थे.

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अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक जांच दलों को घटनास्थल से एक जरकन और नंबर अंकित धातु का टुकड़ा मिला है. बताया जा रहा है कि यह जरकन 20-25 लीटर का था जिसमें 30 किलोग्राम आरडीएक्स पैक कर आईईडी बम बनाकर कार में रखा गया था. प्रत्यदर्शियों के मुताबिक यह कार लाल रंग की थी. इसके अलावा कार के शॉकर का हिस्सा भी मिला है. जिससे पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कार कब की बनी है और इसे बेचा कब गया है.

एजेंसियां कश्मीर में पिछले दिनों कार चोरी को लेकर हुई एफआईआर का डेटा भी खंगाल रहीं हैं. इसके अलावा जांच दल को इस बात पर भी शक है कि हो सकता है कि कार किसी अन्य राज्य से चुराई गई हो या फिर चुराई ही नहीं गई हो. अगर कार चोरी की नहीं निकली तो जांच दल को भरोसा है कि इससे कार के मालिक तक पहुंचा जा सकता है.

हमले के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस और NIA ने इसकी जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ओवर ग्राउंड वर्कर्स के साथ भी पूछताछ की है. इससे पहले भी जो लोग जैश से संबंध होने को लेकर गिरफ्तार हो चुके हैं. उनसे भी पूछताछ हो रही है.

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गौरतलब है कि जैश ने वीडियो जारी कर आत्मघाती हमलावर की पहचान पुलवामा के काकपोरा के रहने वाले आदिल अहमद डार बताई थी. NIA की टीम जल्द ही आदिल के परिवार से मिलकर डीएनए सैंपल लेगा. जिसका घटनास्थल से इकट्ठा किए गए सैंपल से मिलान कराया जाएगा ताकि जैश के दावों की पुष्टि की जा सके.

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