भारत में विकसित 5000 से 5500 किलोमीटर से अधिक दूरी तक के लक्ष्य को भेदने में सक्षम अग्नि-5 का सोमवार को ओडिशा तट से दूर व्हीलर द्वीप से सफल परीक्षण हो गया.
ये मिसाइल परमाणु क्षमता से लैस है और उत्तरी चीन में लक्ष्यों को भेद सकती है. अग्नि-5 मिसाइल अब सेना के बेड़े में शामिल हो जाएगा, इससे भारत इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल रखने वाले सुपरएक्सक्लूसिव क्लब में शामिल हो जाएगा. अभी इस क्लब में अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन ही हैं. इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों की मारक क्षमता 5000-5500 किलोमीटर से ज्यादा होती हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अग्नि-5 के सफल परीक्षण की बधाई दी.
The successful test firing of Agni V is the result of the hardwork of DRDO & its scientists. I congratulate them. @DRDO_India
— Narendra Modi (@narendramodi) 26 December 2016
Congratulations DRDO for successfully test firing Agni V. It will enhance our strategic and deterrence capabilities. #PresidentMukherjee
— President of India (@RashtrapatiBhvn) 26 December 2016
लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम मिसाइल का यह चतुर्थ विकासात्मक और दूसरा कैनिस्टराइज्ड परीक्षण है. पहला परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को किया गया था, जबकि दूसरा परीक्षण 15 सितंबर 2013, तीसरा परीक्षण 31 दिसंबर 2015 को इसे ठिकाने से किया गया था.
अग्नि-5 के बारे में
अग्नि-5 अग्नि सीरीज की मिसाइलें हैं जिन्हें डीआरडीओ ने विकसित किया है. पृथ्वी और धनुष जैसी कम दूरी तक मारे करने में सक्षम मिसाइलों के अलावा भारत के बेड़े में अग्नि-1, अग्नि-2 और अग्नि-3 मिसाइलें हैं. इन्हें पाकिस्तान को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है. अग्नि-4 और अग्नि-5 मिसाइलों को चीन को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है.
अग्नि-5 मिसाइल की ऊंचाई 17 मीटर और व्यास 2 मीटर है. इसका वजन 50 टन और यह डेढ़ टन तक परमाणु हथियार ढोने में सक्षम है. इसकी स्पीड ध्वनि की गति से 24 गुना ज्यादा है.
डीआरडीओ इस मिसाइल की सही मारक क्षमता पर बहुत कुछ नहीं बोलता लेकिन इतना जरूरत बताता है कि यह 5500 से 5800 किलोमीटर तक मार कर सकती है. लेकिन चीन कहता है कि अग्नि-5 की क्षमता करीब 8000 किलोमीटर तक मार करने की है.