धर्म परिवर्तन का मुद्दा लगातार दूसरे दिन भी ससंद में गूंज रहा है. विपक्ष के दबाव में गुरुवार सरकार ने इस मुद्दे पर बहस की बात मान ली. चर्चा की शुरुआत करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने भाषण में सरकार पर जमकर हमला किया. उन्होंने कहा कि देश में असुरक्षा का महौल बन रहा है. साथ ही ज्योतिरादित्य ने बीजेपी नेता राजेश्वर सिंह की चिट्ठी का मुद्दा भी सदन में उठाया.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, 'हमारी देश की गौरव सानिया मिर्जा जब एक राज्य की ब्रांड एंबेसडर बनने वाली थी तो एक दल के लोगों ने कहा कि वो पाकिस्तान की बेटी है. एक जागरण आयोजित किया गया दिल्ली के त्रिलोकपुरी में. एक जगह जहां एक समाज के लोग हैं ताकि वहां दंगे हो पाएं. दिल्ली में पहली बार मोहर्रम के मौके पर असुरक्षा का माहौल था. चर्च जलाए गए दिल्ली में. एक मंत्री ने सांप्रदायिक बयान दिया. पूरे देश में असुरक्षा का माहौल है.'
उन्होंने कहा, 'अध्ययन के क्षेत्र में एक भाषा को हटाकर संस्कृत को चलाया जा रहा है. पूरी सरकार एक संगठन की नतमस्तक हो गई है. ऐसा कभी नहीं हुआ. इतिहास को बदल रहे हैं और संस्कृति को बदल रहे हैं. वर्तमान को बदल रहे हैं पर भविष्य की नहीं सोच रहे.'
इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने लोकसभा में कहा कि अगर सदन मांग करती है तो सरकार धर्मांतरण पर एंटी कंवर्जन बिल लाने को तैयार है.
उमर अब्दुल्ला के पुरखे हिंदू थेः विनय कटियार
इन सबके बीजेपी नेता विनय कटियार ने कुछ ऐसा कह दिया है जिस पर बवाल बढ़ना
तय है. उन्होंने कहा, 'इस देश में ऐसा कोई नहीं जिसका हिंदू धर्म से संबंध न
हो. अगर कोई अपने पुराने धर्म में वापस आना चाहता है तो इसमें गलत क्या
है. तीन पीढ़ी पहले तो उमर अब्दुल्ला के परिजन भी हिंदू थे.'
बीजेपी ने करवाया धर्म परिवर्तनः मायवाती
राज्यसभा में बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि इस मामले पर अब राज्य सरकार
जल्द से जल्द कार्रवाई करे. मायावती ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि
यूपी मेंं बीजेपी सांप्रदायिक तनाव फैलाने का
प्रयास कर रही है.
इससे पहले सरकार ने कहा कि आगरा में जबरन धर्म परिवर्तन नहीं किया गया था. विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है. उन्हें छींक भी आती है तो उसमें आरएसएस का हाथ नजर आता है.
विपक्ष पर वार करते हुए केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, 'विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है. सेक्युलरिज्म के सूरमाओं को डिप्रेशन का डेंगू हो गया है. हमारा देश संघीय ढांचे पर चलता है, जबरन कोई धर्म परिवर्तन नहीं हो रहा है. विपक्ष को छींक भी आती है तो इन्हें उसमें आरएसएस का हाथ नजर आता है.'
25 दिसंबर को अलीगढ़ जाएंगे आदित्यनाथ
धर्मांतरण के इस मुद्दे को बीजेपी वाले भी सियासी रंग देने से बाज नहीं आ
रहे. गोरखपुर से बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ 25 दिसंबर को अलीगढ़ जाएंगे.
आपको बता दें कि इसी दिन वीएचपी ने घर वापसी के कार्यक्रम का आयोजन किया
है.
धर्मांतरण शब्द से योगी आदित्यनाथ को आपत्ति
योगी ने धर्मांतरण को बेबुनियाद और सिरे से खारिज करते हुए कहा कि लालच
अथवा दबाव में किए गए परिवर्तन को धर्मांतरण कहते हैं. आगरा या अलीगढ जैसे
जगहों पर यह पहले से हो रहा है. अगर कोई स्वेच्छा से घर वापसी करना चाहता
है तो मुझे लगता है कि उसका स्वागत करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि एक
अच्छे अभियान को मीडिया नकारात्मक रूप में दिखा रही है. इसके लिए सकारात्मक
सोच रखना चाहिए. कोई मुस्लिम या ईसाई बन गया है और वह अब अपने लोगों के
साथ जुड़ना चाहता है या घर वापसी चाहता है तो मुझे लगता है कि हिन्दू समाज
को भी आगे आना चाहिए.
उन्होंने कहा, 'इसमें कौन सी बुरी बात है. धर्म परिवर्तन... मुझे इस शब्द पर बड़ी आपत्ति है. जब कोई हिन्दू से मुस्लिम या ईसाई बनेगा तब यह धर्म परिवर्तन हुआ, लेकिन परिवर्तित लोग वापस अपने घर आना चाहते है तो यह घर वापसी एवं शुद्धि का कार्यक्रम कहते हैं. सरकार ने उसे मान्यता दी थी.'
गौरतलब है कि सोमवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठन धर्म जागरण समन्वय विभाग और बजरंग दल ने साथ मिलकर इस कार्यक्रम का आयोजन किया था. इसके तहत करीब 60 मुस्लिम परिवारों को वापस हिंदू धर्म में शामिल किया गया और कार्यक्रम को नाम दिया गया 'पुरखों की घर वापसी'. सोमवार को हिंदू धर्म में शामिल होने वाले ये शख्स पलट गए. उन्होंने आरोप लगाया कि यह ठगी का मामला है. उनकी शिकायत पर थाना सदर बाजार में मामला दर्ज किया गया है. मामले की गंभीरता देखते हुए पुलिस हरकत में आ गई.
इसके बाद खबर आई कि आगरा के बाद कुछ हिंदूवादी संगठन उत्तर प्रदेश राज्य में कुल 5000 परिवारों के धर्म परिवर्तन की तैयारी कर रहे हैं. विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में होने वाले इस कार्यक्रम का आयोजन 25 दिसंबर को किया जाएगा जिसे 'घर वापसी' का नाम दिया गया है.
इसे लेकर बुधवार को संसद में जोरदार हंगामा हुआ. विपक्ष का कहना था कि जबरन धर्म परिवर्तन के जरिए सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. मायावती ने इसके लिए बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को जिम्मेदार ठहराया. हालांकि केंद्र सरकार ने इसे राज्य का मामला बताते हुए पल्ला झाड़ लिया था.