विरोध का सामना कर रही उत्तर प्रदेश सरकार ने आगरा जिले के किसानों को यमुना एक्सप्रेस वे के लिए अधिग्रहित उनकी जमीन के लिए अधिक मुआवजे की पेशकश की.
आगरा में किसान प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद कैबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह ने इस संबंध में घोषणा की.
उन्होंने बताया, ‘आगरा में प्रभावित किसानों को विशेष राहत के रूप में 121 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से अतिरिक्त मुआवजा प्रदान किया जाएगा. इसके साथ किसानों को मिलने वाला मुआवजा 580 रुपये प्रति वर्ग मीटर हो जाएगा.’ किसान पिछले तीन सप्ताह से अधिक मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे. अलीगढ़ जिले में सप्ताहांत किसानों और पुलिस के बीच हुए संघर्ष में पीएसी के एक जवान सहित चार लोगें की मौत हो गई थी.
बैठक में तीन मंत्री स्थानीय बसपा विधायक और किसान प्रतिनिधि मौजूद थे जिसके बाद सिंह ने कहा कि किसान अब पैकेज से ‘प्रसन्न’ हैं. उन्होंने कहा कि उन सभी किसानों को नौकरी दी जाएगी जिनकी पूरी जमीन अधिग्रहित हो चुकी है. इसके साथ ही आगरा के किसानों को फसल बोरिंग और खेतों में कुओं की खुदाई के लिए अतिरिक्त राशि दी जाएगी.
राज्य सरकार ने यह भी फैसला किया कि मुआवजे के चेक शिविर लगाकर वितरित किए जाएंगे. मुख्यमंत्री मायावती ने यहां जारी एक बयान में कहा कि राज्य सरकार किसानों के हितों की रक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है.
सरकार ने दावा किया कि कैबिनेट सचिव से बातचीत के बाद आगरा में किसानों ने अपना धरना खत्म करने की घोषणा की है. अलीगढ़ के किसानों को एक ताजा प्रस्ताव में सरकार ने कहा था कि वह मौजूदा 449 रुपये प्रति वर्ग मीटर के मुआवजे को बढ़ाकर 570 रुपये प्रति वर्ग मीटर करेगी.
ग्रेटर नोएडा से आगरा तक 165 किलोमीटर लंबे यमुना एक्सप्रेस वे के लिए आगरा मथुरा अलीगढ़ हाथरस और नोएडा जिलों के लगभग एक हजार 182 गांवों को राज्य सरकार ने जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना दी है.