अंबानी बंधुओं के रिश्ते में एक अहम मोड़ सामने आया है. मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी की कंपनी ने अपने विवादों को निपटाने का फैसला किया है. इसी के साथ एक दूसरे के कारोबार में कदम न रखने का दोनों कंपनियों का 4 साल पुराना समझौता अब रद्द कर दिया गया है.
2006 में मुकेश और अनिल अंबानी की कंपनी के बीच करार हुआ था कि वे एक दूसरे के धंधे में पैठ नहीं करेंगे. हालांकि गैस उत्पादन के क्षेत्र में दोनों कंपनियों के बीच पुराना समझौता जारी रहेगा.
मुकेश और अनिल अंबानी दुश्मनी खत्म करके आपसी सहयोग से कारोबार करने पर राजी हो गए हैं. इस बारे में दोनों के बीच एक नया समझौता हुआ है. समझौते के मुताबिक दोनों की कंपनियां एक-दूसरे के कारोबार में उतर सकेंगी.
हालांकि बड़े भाई मुकेश इस बात पर राजी हो गए हैं कि वो 2022 तक गैस आधारित बिजली के कारोबार में नहीं जाएंगे. दोनों भाइयों के बीच सबसे ज्यादा विवाद इसी मसले पर था. इसके साथ ही 2006 में हुआ वो समझौता खत्म हो गया है, जिसके मुताबिक दोनों भाइयों के एक-दूसरे के मौजूदा कारोबार में उतरने पर रोक थी.
नए समझौते पर दोनों भाइयों की कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने मुहर लगा दी है.
अनिल धीरूभाई अंबानी समूह की कंपनी (एडीएजी) ने एक बयान में कहा, ‘ दोनों समूहों के बीच प्रतिस्पर्धा न करने संबंधी जनवरी, 2006 में किए गए सभी समझौते को निरस्त कर दिया गया है.’
बयान में कहा गया है, ‘प्रतिस्पर्धा से दूर रहने का नया और आसान समझौता केवल गैस आधारित बिजली उत्पादन तक सीमित है. आरआईएल (मुकेश की कंपनी) और आरएनआरएल (अनिल समूह की कंपनी) उच्चतम न्यायालय के आदेश के मुताबिक गैस आपूर्ति की व्यवस्था पर तेजी से बातचीत करेंगी और उम्मीद है कि यह बातचीत जल्द ही पूरी हो जाएगी.’
अभी करीब दो सप्ताह पूर्व उच्चतम न्यायालय ने गैस विवाद में छोटे भाई को किसी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया था.