विशिष्ट पहचान संख्या कार्यक्रम के रजिस्ट्रार के तौर पर काम करने के लिये सार्वजनिक क्षेत्र के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और भारतीय विशिष्ट पहचान संख्या प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के बीच एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हुये हैं.
यूनियन बैंक के महाप्रबंधक विवेक म्हात्रे और यूआईडीएआई के सहायक महानिदेशक राजेश बंसल ने गुरुवार को सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये. इस मौके पर बैंक के कार्यकारी निदेशक एस. रमन और यूआईडीएआई के महानिदेशक आर.एस. शर्मा उपस्थित थे.
समझौते के तहत यूनियन बैंक अपने वर्तमान और प्रस्तावित ग्राहकों को एजेंसियों के माध्यम से पहचान संख्या जारी करने के लिये सूचीबद्ध करेगा. बैंक ग्रामीण क्षेत्रों की जनसंख्या को भी इस तरह की पहचान संख्या जारी करने में मदद करेगा. पहचान संख्या के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत लाभार्थियों के खातों में लेनदेन करने में मदद मिलेगी.
ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशी कार्यक्रम को बढ़ाने में यूनियन बैंक ने अग्रणी भूमिका निभाई है. बैंक ने अब तक 48 लाख शून्य शेष वाले खाते खोले हैं इनमें से 20 लाख खाते बैंक शाखाओं के जरिये और 27. 60 लाख खाते बिना बैंक शाखा के बायोमेट्रिक स्मार्ट कार्ड के माध्यम से खोले गये.