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जयपुर मेट्रो रेल परियोजना के लिए हुए समझौते

जयपुर में मेट्रो रेल चलाने के लिए इस महत्वाकांक्षी परियोजना को लेकर आज जयपुर मेट्रो रेल कारपोरेशन लि. और दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन लि. के बीच सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए.

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जयपुर में मेट्रो रेल चलाने के लिए इस महत्वाकांक्षी परियोजना को लेकर आज जयपुर मेट्रो रेल कारपोरेशन लि. और दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन लि. के बीच सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए.

राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल, परिवहन मंत्री बृजकिशोर शर्मा तथा वरिष्ठ अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों और दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन लि. के अध्यक्ष डा. ई. श्रीधरन की मौजूदगी में समझौते पर हस्ताक्षर किये गये.

समझौते पर जयपुर मेट्रो रेल कारपोरेशन लि. की ओर से कारपोरेशन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक जी.एस. सन्धू और दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन लि. के निदेशक मंगूसिंह ने हस्ताक्षर किये.

जयपुर मेट्रो रेल परियोजना की अनुमानित लागत 9100 करोड रूपये आंकी गई है जिसमें अजमेर रोड व टोंक रोड में कोरीडोर में किये गये संशाधनों की लागत सम्मिलित है. मगर इसमें डिपो भूमि की लागत व निर्माण अवधि में रिण पर देय ब्याज शामिल नहीं है. इस लागत में से प्रस्तावित प्रथम चरण की लागत क्रमश: 1,250 करोड रूपये व द्वितीय चरण की लागत 7850 करोड रूपये आंकी गई है.

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समझौते के अनुसार प्रथम चरण कोरीडेर का मानसरोवर से चांदपोल हिस्सा (लगभग 9.25 कि.मी.) का अनुमानित लागत 1250 करोड रूपये है, जिसमें निर्माण कार्य, रेल लाइन बिछाना, विद्युतीकरण शामिल हैं और ये कार्य दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के माध्यम से करवाया जाना प्रस्तावित है. इसके अतिरिक्त 600 करोड रूपये सिग्नलिंग एण्ड रोलिंग स्टाक की अनुमानित

लागत है जिसे द्वितीय चरण में कोरीडोर के साथ मिलाकर पीपीपी माडल पर करवाया जाएगा.

समझौते के अनुसार राजस्थान आवास मंडल की प्रताप नगर एवं रीको के औद्योगिक क्षेत्र सीतापुरा तक मेट्रो रेल लाइन का विस्तार द्वितीय चरण में किया जाना प्रस्तावित है ताकि इन क्षेत्रों को भी मेट्रो रेल का लाभ मिल सके.

इसका आकार बढाये जाने पर खर्चा 900 करोड़ रूपये आयेगा. इसके अलावा मानसरोवर तक मेट्रो रेल लाइन जाने से भी राजस्थान आवासन मंडल की मानसरोवर योजना की जन सुविधाओं का विस्तार होगा. अत: इन दोनों संस्थाओं से न्यूनतम अंशदान लिया जाना प्रस्तावित है जो कि प्रथम चरण में ही देय है.

परियोजना के अनुसार जून 2011 तक पीपीपी पार्टनर का चयन नहीं हो पाता है तो ऐसी स्थिति में दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के साथ प्रथम चरण (चांदपाल से मानसरोवर) के सिग्नलिंग एवं रोलिंग स्टॉक का कार्य करने हेतु अनुबंध किया जाना प्रस्तावित है ताकि आगामी 3 वर्ष में (अर्थात जून, 2013 तक) मेट्रो रेल का चलना सुनिश्चित किया जा सके.

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