पहले से महंगाई की मार झेल रहे देशवासियों के लिए यह अच्छी खबर नहीं है. कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने मंगलवार को इस बात की आशंका से इनकार नहीं किया कि देश के कुछ हिस्सों में इस बार सूखा पड़ सकता है.
कम मॉनसून पर राधा मोहन सिंह ने कहा कि इस बार कम मॉनसून के चलते देश के पश्चिमी हिस्से में सूखे का खतरा मंडरा सकता है. हमें इसके लिए तैयार रहना चाहिए. बकौल कृषि मंत्री कम मॉनसून का सबसे ज्यादा असर पश्चिमी भारत पर है.
मालूम हो कि महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में इस साल कमजोर मॉनसून की आशंका को लेकर किसान परेशान हैं. हजारों एकड़ जमीन में कपास, सोयाबीन और दूसरी फसलें बो चुके किसान वर्षा के अभाव में नुकसान को लेकर डरे हुए हैं. किसानों ने इस महीने की शुरुआत में बुआई के साथ ही उर्वरक और कीटनाशकों का भी खेतों में छिड़काव कर दिया था, लेकिन क्षेत्र में अब तक बारिश नहीं हुई है.
विदर्भ जन आंदोलन समिति के प्रमुख किशोर तिवारी ने कहा कि बारिश नहीं होने से 20 लाख किसानों की आजीविका और अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. तिवारी ने बताया कि किसानों ने बीज, उर्वरक और कीटनाशक खरीदने के लिए कर्ज लिया और इधर बारिश ने सारी मेहनत और निवेश पर पानी फेर दिया. सरकार को तत्काल ऐसी फसलों का विकल्प किसानों को मुहैया कराना होगा जिनको कम पानी की आवश्कता होती है, ताकि किसानों का नुकसान कम हो.
उन्होंने कहा कि लागातार दूसरे साल पर्याप्त वर्षा नहीं होने के कारण क्षेत्र में तबाही फैली हुई है. पिछले साल भी क्षेत्र में पहले तो सूखा पड़ा था और उसके बाद बाढ़ का कहर.