अगस्ता वेस्टलैंड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इस मामले में कोर्ट जल्द सुनवाई के लिए तैयार है. ईडी ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें हाई कोर्ट ने राजीव सक्सेना को विदेश जाने की इजाजत दी थी.
दिल्ली हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य आधार पर राजीव सक्सेना को विदेश जाने की इजाजत दी थी. दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक राजीव 25 जून से 24 जुलाई तक विदेश में रहेंगे. हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ ईडी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को मामले की सुनवाई करेगा.
SC issues notice to Centre, Bihar & Uttar Pradesh govts asking them to file affidavits within 7 days giving details of facilities dealing with public health, nutrition and sanitation, for treatment of children suffering from Acute Encephalitis Syndrome (AES) in Muzaffarpur. pic.twitter.com/7eyytB2lQM
— ANI (@ANI) June 24, 2019
वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बिचौलिये से गवाह बने राजीव सक्सेना को कोर्ट ने विदेश यात्रा की इजाजत दे दी थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने राजीव सक्सेना को एक महीने तक विदेश जाने की इजाजत दी थी. दअरसल निचली अदालत ने कुछ समय पहले राजीव सक्सेना को इलाज के लिए विदेश जाने की इजाजत दी थी. कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अर्जी पर निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी थी. निचली अदालत ने सक्सेना को ब्रिटेन और दुबई जाने की अनुमति दी थी.
राजीव सक्सेना ने इसी साल 27 फरवरी को गवाह बनने के लिये पटियाला हाउस कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. उन्हें बीमार होने के आधार पर 25 फरवरी को कोर्ट से पहले ही जमानत भी दी जा चुकी है. राजीव सक्सेना को 31 जनवरी को दुबई से प्रत्यर्पित कर लाया गया था. अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे मामले में पहले सक्सेना को आरोपी बनाया गया था. लेकिन राजीव सक्सेना ने जांच एजेंसी को इस मामले में गवाह बनने की पेशकश की और कहा कि वह जांच एजेंसी की इस मामले में जानकारी देने में पूरी मदद करेंगे.
अगस्ता वेस्टलैंड केस में बतौर गवाह राजीव सक्सेना अपने बयान भी कोर्ट में दर्ज करा चुके हैं. दुबई के कारोबारी राजीव सक्सेना के सरकारी गवाह बनने के बाद जांच एजेंसी सीबीआई और ईडी को उम्मीद है कि वो आरोपियों के खिलाफ जांच के बाद पुख्ता सबूत कोर्ट में पेश करने में कामयाब होंगे क्योंकि सक्सेना ने कोर्ट को बताया था कि काफी सोच विचार करने के बाद उन्होंने गवाह बनने का फैसला किया.