दिल्ली की एक अदालत ने 36,000 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए क्रिश्चियन मिशेल को शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय की 7 दिन की हिरासत में भेज दिया. विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने मामले में कथित बिचौलिए मिशेल की जमानत याचिका खारिज कर दी. इससे पहले, अदालत ने ईडी को ब्रिटिश नागरिक मिशेल से अदालत कक्ष में 15 मिनट पूछताछ करने की अनुमति दी. इसके बाद उसे गिरफ्तार कर उसकी 15 दिन की हिरासत मांगी.
ईडी ने धन शोधन के एक मामले में मिशेल की अलग से गिरफ्तारी की इजाजत मांगी थी. ईडी ने कहा था कि सीबीआई और उसके द्वारा धन के आवागमन की जांच की जा रही है लेकिन धन की मात्रा को लेकर दोनों एजेंसियों में अंतर है. ईडी ने कहा, 'हम दो अलग अलग एजेंसियां हैं. कानून के दायरे में रहते हुए संयुक्त जांच असंभव है. हमें खुद से पूरे मामले पर गौर करना होगा.' एजेंसी ने कहा कि उसे अपराध से जुड़े घटनाक्रम तथा उस धन से खरीदी गई संपत्ति के धन शोधन वाले पहलू पर जांच करनी है.
ईडी ने कहा, 'हमें तीन करोड़ यूरो की जांच की जानकारी है. सीबीआई की जांच 3.7 करोड़ यूरो से अधिक की है. हमें यह अंतर दूर करना है.' एजेंसी ने कहा कि अपराध के धन से 2 संपत्तियां खरीदी गईं और इसलिए यह पूरी तरह से धन शोधन के दायरे में आता है. एजेंसी ने कहा कि धन का इस्तेमाल हुआ और यह धन हवाला के जरिए आया. यह आधिकारिक रास्ते से नहीं आया. इसकी जांच होनी चाहिए और उससे इस संबंध में पूछताछ की जानी है. सहआरोपियों से सामना कराना होगा.
उसे यूएई में गिरफ्तार किया गया था और प्रत्यर्पण करके 4 दिसंबर को भारत लाया गया था. अगले दिन उसे अदालत के समक्ष पेश किया गया जहां अदालत ने उसे 5 दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया. उसकी हिरासत अवधि बाद में पांच दिन के लिए बढ़ा दी गई. इसके बाद चार दिन के लिए उसकी हिरासत और बढ़ा दी गई.
अदालत ने मिशेल की जमानत याचिका पर फैसला 19 दिसम्बर को सुरक्षित रख लिया था और उसे 28 दिसम्बर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. मिशेल के वकील अल्जो के जोसफ ने उसकी 15 दिन की हिरासत का विरोध करते हुए कहा कि सीबीआई द्वारा उसे लंबे समय तक हिरासत में रखा गया और अब उसे ईडी की हिरासत में रखने से उसके मौलिक अधिकार प्रभावित होंगे.
मिशेल मामले में शामिल तीन बिचौलियों में से एक है. ईडी और सीबीआई इनकी संलिप्ता के संदर्भ में जांच कर रही है. दो अन्य बिचौलिये गुइदो हाश्खे और कार्लो गेरोसा हैं.