राज्यपाल पद पर आसीन किसी व्यक्ति से पूछताछ के पहले मामले में सीबीआई ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एम के नारायणन से पूछताछ की. यह पूछताछ अगस्ता वेस्टलैंड के साथ 3,600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलीकाप्टर सौदे में रिश्वत के आरोपों में जांच के सिलसिले में नारायणन से बतौर ‘गवाह’ हुई.
एजेंसी सूत्रों ने बताया कि सीबीआई की एक टीम ने नारायणन से कोलकाता में राजभवन में पूछताछ की. इसके पहले एजेंसी ने इसके लिए 24 जून को समय दिए जाने की मांग की थी.
80 वर्षीय नारायणन ने अपना बयान दर्ज कराया और एक मार्च 2005 की बैठक के संबंध में सवालों का जवाब दिया. उस बैठक में ‘सर्विस सीलिंग’ (जिस उंचाई तक कोई हेलीकाप्टर उड सकता है) कम करते हुए 6000 मीटर से 4500 मीटर कर दिया गया था. यह पहला मौका है जब सीबीआई ने अपने पद पर आसीन किसी राज्यपाल से पूछताछ की है.
दो घंटों से ज्यादा समय तक चली पूछताछ के दौरान पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नारायणन ने फैसले के पीछे के औचित्य का वर्णन किया और जिक्र किया कि पूर्व एनडीए सरकार में उनके पूर्ववर्ती ब्रजेश मिश्रा ने दिसंबर 2003 में सर्विस सीलिंग कम करने का फैसला किया था. नारायणन को 2010 में पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाया गया था.
इसके बाद सीबीआई अब गोवा के राज्यपाल बी वी वांचू का बयान दर्ज करेगी क्योंकि वह भी 2005 की उस बैठक में शामिल थे जिसमें हेलीकॉप्टर के संबंध में तकनीकी विनिर्देशों में परिवर्तन किया गया था. वह राज्यपाल नियुक्त किए जाने के पहले प्रधानमंत्री की सुरक्षा करने वाले विशिष्ट स्पेशल प्रोटेक्टशन ग्रुप (एसपीजी) के प्रमुख थे.