जनता परिवार में विलय की रस्मअदायगियों के बीच बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी अपना दांव खेलने वाले हैं. पार्टी से बेदखल किए जा चुके मांझी अब खुद चुनाव आयोग जाकर जेडीयू के चुनाव चिह्न और झंडे पर अपना दावा ठोकने वाले हैं. माना जा रहा है कि जनता परिवार 'साइकिल' के चुनाव चिह्न पर वोट मांगने उतरेगा.
इसपर तर्क देते हुए मांझी ने कहा कि संविधान में इस बात का प्रावधान है कि अगर एक भी विधायक अपनी मूल पार्टी को बनाए रखना चाहता है, तो उसे यह हक है. उन्होंने कहा, 'सुब्रमण्यम स्वामी का उदाहरण सबके सामने है, जिन्होंने अकेले ही जनता पार्टी बनाए रखी.'
मेरे समर्थक MLA जेडीयू के स्वभाविक दावेदार: मांझी
औरंगाबाद में शुक्रवार को जीतनराम मांझी ने कहा कि वो और उनके समर्थक विधायक जेडीयू के स्वभाविक दावेदार हैं. उन्होंने कहा, 'अगर जेडीयू के विधायक जनता
परिवार में विलय करते हैं, तो वो और उनके विधायक जेडीयू पर दावा कर सकते हैं.' मांझी ने कहा कि आगामी बिहार विधानसभा में 'उनकी पार्टी' सभी 243 सीटों पर
चुनाव लड़ेगी.
नीतीश कुमार को 'महत्वाकांक्षी' बताते हुए मांझी ने कहा, 'जब नीतीश के मंत्रिमंडल के फैसलों को कार्यान्वित किया जा सकता है, तब मेरे मंत्रिमंडल के निर्णयों को रद्द क्यों किया गया?'
कयास लगाए जा रहे हैं कि 20 अप्रैल से पहले जनता परिवार विलय की औपचारिक घोषणा हो सकती है.