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पीएम मोदी की पहली ईरान यात्रा को यादगार बनाने के ये हैं प्लान

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को तेहरान के लिए रवाना होंगे. उनकी इस यात्रा के दौरान द्विपक्षीय सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देकर सदियों पुरानी दोस्ती में नई जान फूंकने के लिए भारत और ईरान ने संयुक्त रूप से कई कार्यक्रमों के आयोजन की योजना बनाई है.

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को तेहरान के लिए रवाना होंगे. उनकी इस यात्रा के दौरान द्विपक्षीय सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देकर सदियों पुरानी दोस्ती में नई जान फूंकने के लिए भारत और ईरान ने संयुक्त रूप से कई कार्यक्रमों के आयोजन की योजना बनाई है. हाल के सालों में पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण द्विपक्षीय संबंधों में थोड़ा अवरोध पैदा हो गया था. प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली ईरान यात्रा होगी.

पीएम के दौरे से पहले ईरान की बकाया राशि का भुगतान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ईरान यात्रा से पहले भारतीय रिफाइनिंग कंपनियों ने ईरान को उससे खरीदे गए तेल की 6.4 अरब डॉलर की बकाया राशि में से 1.25 अरब डॉलर का आंशिक भुगतान कर दिया. पिछले चार सालों में पहली बार ईरान को यूरो में यह भुगतान किया गया है. इस घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने बताया कि मंगलूरु रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल लिमिटेड (एमआरपीएल) ने 50 करोड़ डॉलर और इंडियन ऑयल कापरेरेशन ने 25 करोड़ डॉलर का भुगतान किया है. उधर, निजी क्षेत्र की कंपनी एस्सार ऑयल ने 50 करोड़ डॉलर का भुगतान किया है.

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प्रतिबंध हटने के बाद यूरो में भुगतान
कंपनियों ने अमेरिकी डॉलर खरीदे और उसे यूनियन बैंक में जमा किया जिन्हें यूरो में परिवर्तित कर आगे भुगतान किया गया. ईरान से इस साल जनवरी में प्रतिबंध हटने के बाद से भारतीय कंपनियों द्वारा विदेशी मुद्रा में यह पहला भुगतान है. पीएम मोदी के यात्रा के दौरान बातचीत में दोनों देशों के बीच विश्वसनीय बैंकिंग चैनल पुनस्र्थापित करने का मुद्दा उठ सकता है. सूत्रों ने कहा कि शेष बकाए का भुगतान किस्तों में किया जाएगा ताकि रुपये पर दबाव न पड़े. आरबीआई इस भुगतान का संयोजन कर रहा है.

सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के महानिदेशक सी राजशेखर ने कहा 'अब ईरान पश्चिमी प्रतिबंधों से बाहर निकल रहा है, यहां हमारी सदियों पुरानी दोस्ती और भागीदारी को पुनर्जीवित करने की संभावना है, जो दोनों देशों के लिए समान रूप से लाभदायक होगा.' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की ऐतिहासिक यात्रा को लेकर आईसीसीआर और तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ईरान के फरहंगिस्तान एंड सादी फाउंडेशन के सहयोग से तीन दिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन करेंगे.

पीएम मोदी के सम्मान में सितार कंसर्ट का आयोजन
राजशेखर ने कहा, 'इस दौरान ‘भारत और ईरान, दो महान सभ्यता- अतीत एवं संभावनाएं’ विषय पर अहम अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. इसमें पारसी साहित्य की यात्रा, इतिहास और दोनों देशों की कला और संस्कृति को केन्द्र में रखा जाएगा'. प्रधानमंत्री मोदी 23 मई को सत्र के उद्घाटन सत्र में हिस्सा लेंगे, जिसके बाद सितार कंसर्ट का आयोजन किया जाएगा. इसके अलावा वह पंचतंत्र और जातक के प्राचीन अनुवाद 'कलीला ओ दिम्नाह' के पाण्डुलिपि को भी जारी करेंगे. डिजिटल पाण्डुलिपि की प्रदर्शनी, सितार और राल गायन और फारसी काव्य के सस्वर पाठ का आयोजन भी किया जाएगा, जहां भारत और ईरान के कवि शानदार काव्य परंपरा को आगे बढ़ाते हुए एक साथ कविता पाठ करेंगे. सबसे आखिर में भारतीय सितार वादक और ईरानी राल वादक एक साथ अपनी प्रस्तुति देंगे.

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व्यापारिक समझौते के आसार
राजशेखर ने कहा, 'भारत और ईरान हमेशा से अच्छे मित्र रहे हैं, दोनों समाज के बीच विचारों, लोगों, सामान और सेवाओं का सतत आदान प्रदान होता रहा है, इतना कि अन्य चीजों के अलावा हम लोगों ने एक-दूसरे की संस्कृति, साहित्य, भाषा, कला, वास्तुशिल्प और सिनेमा को समृद्ध किया है.' प्रधानमंत्री की ईरान की यात्रा से इतर आईसीसीआर और उसका ईरानी समकक्ष एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे जो सांस्कृतिक आदान-प्रदान की रूपरेखा उपलब्ध कराएगा, इसमें पारस्परिक तरीके से एक-दूसरे के सांस्कृतिक उत्सवों का समर्थन किया जाना भी शामिल है. उन्होंने साथ ही कहा कि हम लोग महीने भर चलने वाले 'फेस्टिवल ऑफ ईरान इन इंडिया' और 'फेस्टिवल ऑफ इंडिया इन ईरान' के बारे में भी योजना बना रहे हैं. इसके अलावा हम लोग इसे राजधानी से बाहर के शहरों में ले जाएंगे. राजशेखर ने कहा कि अब नये प्रावधानों से लोग आसानी से ईरान की यात्रा पर जा सकते हैं.

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