रह रह कर तमिलनाडु की अन्नाद्रमुक पार्टी के नेता 'अम्मा ' को पुरस्कृत और सम्मानित करने की मांग करते आए हैं. अम्मा के जाने के बाद यह मांग तमिलनाडु के मुख्यमंत्री से लेकर उनके समर्थक कोर्ट में जनहित याचिका के जरिए कर चुके हैं.
गुरुवार को एक बार फिर राज्यसभा में जीरो ऑवर के समय तमिलनाडु की एआईएडीएमके सांसद विजेता सत्यानंत ने अपनी दिवंगत नेता जे जयललिता के लिए भारत रत्न की मांग की. वो यहीं नहीं रुकी उन्होंने कहा कि जयललिता के अमूल्य योगदान को देखते हुए भारत सरकार को उन्हें नोबेल प्राइस दिलाने की कोशिश करनी चाहिए. महिला और बाल कल्याण के क्षेत्र में अम्मा ने बड़े कदम उठाए और अपने सियासी जीवन में कई योजनाएं ऐसी लाई जिससे महिलाओं और बच्चों को एक नया जीवन मिला. उन्होंने कई कल्याण योजनाओं को गिनाया जिसमें अम्मा कैंटीन भी है जो न्यूनतम दर पर खाना उपलब्ध कराती है और छात्रों को निशुल्क लैपटॉप और साइकिल देना भी इसमें शामिल है.
अपने पांच मिनट के संबोधन में वो बोलते हुए भाव विभोर हो गईं. उन्होंने पीठ पर आसीन डेप्यूटी चेयरमैन से कहा कि भारत सरकार को महान अम्मा की कांस्य प्रतिमा संसद में लगानी चाहिए. गौरतलब है की सदन में गांधी, नेहरू, पटेल, एनटीआर, और एमजीआर समेत देश के अहम महान नेताओं की प्रतिमा लगी हैं.
जयललिता का पांच दिसंबर को निधन हो गया था. अब भी अन्नाद्रमुक के सांसद अपनी 'प्रिय अम्मा' जयललिता की तस्वीर जेब में लिए सदन में नजर आते हैं. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ.पनीरसेल्वम ने पिछले साल 19 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जयललिता को भारत रत्न देने की मांग की थी.
इससे पहले मद्रास हाई कोर्ट ने उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया जिसमें केंद्र सरकार को जयललिता को भारत रत्न देने का निर्देश देने की मांग की गई थी. अदालत ने कहा कि वह ऐसे मामलों में दखल देना नहीं चाहती है.