अपनी लंबाई के कारण गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड में शामिल 25 वर्षीय सिद्दिका परवीन को इस ऊंचाई ने खुशियों के मुकाबले गम ज्यादा दिए हैं. पश्िचम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर की रहने वाली सिद्दिका को एम्स में नया जीवन मिलने से पहले 15 वर्ष तक अपने घर में कैद रहना पड़ा था.
ब्रेन ट्यूमर के कारण परवीन सिद्दिका के शरीर की लंबाई सामान्य से बहुत ज्यादा बढ़ी. ‘जायंट इन्वेसिव पॉल्मूनरी ट्यूमर’ नामक इस समस्या के कारण उनका शरीर सात फुट आठ इंच लंबा हो गया और शरीर का वजन 130 किलोग्राम. इसके अलावा उसके हाथ और पांव के साथ-साथ अन्य अंगों का आकार भी बहुत बढ़ गया. लेकिन एम्स में डॉक्टरों ने सिद्दिका परवीन का ऑपरेशन किया है और उनका कहना है कि मरीज के ठीक होने की दिशा में यह पहला कदम है.
एम्स में एंडोक्रायनोलॉजी के प्रोफेसर डॉक्टर निखिल टंडन ने बताया कि सिद्दीका को छह सप्ताह पहले एम्स में भर्ती कराया गया. उस दौरान पिट्यूटरी ट्यूमर से हार्मोन के बहुत ज्यादा स्राव के कारण उसके शरीर में विकास (लंबाई) के लिए जिम्मेदार हार्मोन की मात्रा बहुत ज्यादा हो गई थी. डॉक्टरों ने बताया कि सिद्दिका के ऑपरेशन में तमाम बाधाओं के बावजूद वह सफल रहा और आईसीयू में कुछ दिन रहने के बाद उसे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है.
डॉक्टरों के मुताबिक यदि सिद्दिका की बीमारी के बारे में 10 साल पहले पता चल गया होता तो अभी तक वह बिल्कुल स्वस्थ्य हो गई होती. परवीन को दुनिया की सबसे लंबी महिला के रूप में 2013 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड में शामिल किया गया.