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बुर्का बैन की मांग पर ओवैसी का जवाब, घूंघट पर बैन कब करोगे

बुर्का बैन पर ओवैसी ने कहा कि उन्हें पहले सुप्रीम कोर्ट का फैसला पढ़ना चाहिए. उन्हें पता होना चाहिए कि यह हर किसी का मौलिक अधिकार है. सामना में जो लिखा गया है वह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है और चुनाव आयोग को इस पर संज्ञान लेना चाहिए. यह पेड न्यूज का एक नया उदाहरण है.

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असदुद्दीन ओवैसी बोले- घूंघट पर बैन कब लगाओगे (फाइल-पीटीआई)
असदुद्दीन ओवैसी बोले- घूंघट पर बैन कब लगाओगे (फाइल-पीटीआई)

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देश में बुर्के पर बैन की शिवसेना की मांग पर राजनीति तेज हो गई है. शिवेसना की सहयोगी पार्टी बीजेपी ने भी बुर्के पर बैन की मांग का विरोध किया है तो AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार करते हुए कहा कि घूंघट पर प्रतिबंध कब लगाओगे.

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि शिवसेना का सामना हमेशा से पोपट मास्टर रहा है. वह पहले लिखता था कि नरेंद्र मोदी को हराने के लिए अलग से चुनाव लड़ेंगे. लेकिन उनकी पार्टी अब साथ चुनाव लड़ रही है.

बुर्का बैन पर ओवैसी ने कहा कि उन्हें पहले सुप्रीम कोर्ट का फैसला पढ़ना चाहिए. उन्हें पता होना चाहिए कि यह हर किसी का मौलिक अधिकार है. सामना में जो लिखा गया है वह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है और चुनाव आयोग को इस पर संज्ञान लेना चाहिए. यह पेड न्यूज का एक नया उदाहरण है.

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ओवैसी ने घूंघट का जिक्र करते हुए कहा कि वे घूंघट हटाने के बारे में क्या कहेंगे. अगर सुरक्षा को लेकर मामला है तो साध्वी प्रज्ञा और अन्य लोगों ने हमला करने के लिए क्या पहना था.

इससे पहले बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने श्रीलंका में ईस्टर संडे पर आतंकवादी हमलों के बाद वहां की सरकार की ओर से बुर्का पर प्रतिबंध लगाए जाने संबंधी नियम लाने की योजना का हवाला दिया. हमलों में 250 लोगों की मौत हो गई थी.

इससे पहले शिवसेना ने श्रीलंका में आतंकी हमलों के बाद वहां की सरकार की ओर से बुर्का पर प्रतिबंध लगाए जाने संबंधी नियम लाने की योजना का हवाला देते हुए देश में भी बुर्का पर प्रतिबंध लगाने की मांग की. शिवसेना ने अपने मुखपत्रों 'सामना' और 'दोपहर का सामना' में आज छपे संपादकीय में कहा, 'इस प्रतिबंध की अनुशंसा आपातकालीन उपाय के तौर पर की गई है जिससे कि सुरक्षा बलों को किसी को पहचानने में परेशानी ना हो. नकाब या बुर्का पहने हुए लोग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकते हैं.'

शिवसेना की इस मांग के साथ ही राजनीति तेज हो गई है. बीजेपी ने भारत में बुर्का पर प्रतिबंध को गैरजरुरी बताया, लेकिन भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ने इस मांग का समर्थन किया है. साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि किसी कारण से अगर कोई इस माध्यम का लाभ उठाते हैं और इससे देश को नुकसान पहुंचता हो, अगर सुरक्षा खतरे में हो तो ऐसी परंपराओं में थोड़ी ढील देनी चाहिए. कानून के जरिए बैन लगाया जाए इससे अच्छा है कि वो खुद ही इस पर फैसला लें.

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वहीं बीजेपी के प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने भारत में बुर्का में बैन की मांग का विरोध किया. उन्होंने कहा कि भारत में बुर्का में बैन की जरुरत नहीं.

हालांकि केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने शिवसेना की इस मांग का विरोध करते हुए कहा कि शिवसेना की यह मांग गलत है. हर बुर्का पहनने वाली महिला आतंकवादी नहीं होती. यह उनकी पारंपरिक पोशाक है. उनका हक है कि वे इसे पहन सकती हैं. उन्होंने आगे कहा कि ऐसा लगता है कि वे आतंकी हैं तो उनका बुर्का हटाया जा सकता है. भारत में बुर्के पर बैन नहीं लगना चाहिए.

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