ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुसलमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि हमें कोई 'भारत माता की जय' बोलने पर मजबूर नहीं कर सकता है. ओवैसी ने 'आजतक' के खास कार्यक्रम 'सीधी बात' में श्वेता सिंह से कहा कि अगर इसके लिए कानून बनाया जाता है तो मैं उसका पालन करूंगा.
उन्होंने कहा कि हमारे संविधान ने फ्रीडम ऑफ स्पीच दिया है. अगर आप कानून बना देंगे तो मैं जरूर 'भारत माता की जय' लेकिन आप मुझे मजबूर नहीं कर सकते हैं. ओवैसी ने आगे कहा कि इसे आप मेरी राष्ट्रीयता का टेस्ट नहीं बना सकते हैं.
उन्होंने आगे कहा, 'मैं जयहिंद बोलने में फख्र महसूस करता हूं. ये तो अंग्रेजों से लड़े भी नहीं थे, तब से नारा आया है जय हिंद का. मैं अपनी जिंदगी अपने घर में कैसे गुजारता हूं, क्या खाता हूं, क्या बोलता हूंं, ये प्राइवेसी का अधिकार है.'
उन्होंने कहा कि राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम' की इज्जत होनी चाहिए. लेकिन 'जगनण मन' तो राष्ट्रगान है, इसलिए राष्ट्रगीत को कभी राष्ट्रगान की जगह नहीं लाया जाना चाहिए.' हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने कहा कि आज सेकुलरिजम गाली बन चुकी है. एंटी नेशनल भी एक सुविधाजनक गाली है. सरकार से किसी की असहमति है तो उसे इन दोनों में से कुछ भी बोल दो. बाद में जो इनके साथ आ जाते हैं वे सेकुलर हो जाते हैं.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा मुल्क के लिए आवाज उठाई है लेकिन अगर आप बोलेंगे कि मोदी के खिलाफ बोलना मुल्क के खिलाफ है तो मैं इसे नहीं मानता हूं. ओवैसी ने कहा कि मोदी को अगर आप खुदा का दर्जा दे देंगे तो, लेकिन मैं नहीं मानता हूं.
इससे पहले ओवैसी से जब पूछा गया कि क्या मुसलमान 2019 में नरेंद्र मोदी का रास्ता रोक सकेंगे. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुसलमान पहले से ही पिस रहे हैं. देश को यह सोचना पड़ेगा कि क्या आप 2019 में उस नरेंद्र मोदी को वोट देंगे जिन्होंने नौजवानों से रोजगार देने का वादा किया था लेकिन नाकाम रहे.
ओवैसी ने आगे कहा कि देश की सुरक्षा, महंगाई समेत अन्य मुद्दों पर मोदी सरकार नाकाम रही. इसके अलावा मुसलमान और दलितों के खिलाफ नफरत का माहौल बना दिया गया है. मुझे लगता है कि हिन्दुस्तान की आवाम इन मुद्दों पर सोचकर ही वोट करेगी. हालांकि ओवैसी ने यह भी कहा कि इन मौकों को क्षेत्रिय दल ही भुनाने में कामयाब हो सकेंगे.