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संसद में बोले ओवैसी- हिंदू वोटों का हुआ ध्रुवीकरण तभी जीती बीजेपी

संसद में सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2019 दिखाता है कि कि तरह तेजी से धार्मिक आधार पर वोटों का बंटवारा हुआ.

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संसद में असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी को कई मुद्दों पर घेरा (फाइल फोटो)
संसद में असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी को कई मुद्दों पर घेरा (फाइल फोटो)

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संसद में सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव 2019 दिखाता है कि कि तरह तेजी से धार्मिक आधार पर वोट बंटे. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को 60 फीसदी वोट मिले. यह दिखाता है कि बीजेपी को किस तरह से 303 सीटें मिलीं.

ओवैसी ने कहा कि बीजेपी के पास एक भी मुस्लिम सांसद नहीं है. चुनाव के दौरान केवल 24 मुस्लिम सांसद चुने गए हैं. जो कुल आबादी के लिहाज से महज 4 फीसदी है. बीजेपी ने केवल इसलिए चुनाव जीता कि उन्हें हिंदुओं ने उन्हें एकजुट होकर वोट किया.

मॉब लिंचिंग पर निशाना

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बीजेपी सबके विकास की बात करती है लेकिन हम देख रहे हैं कि इस दौर में मॉब लिन्चिंग की घटनाएं हर महीने सामने आ रही हैं. कैसे मुस्लिम समुदाय इस सरकार पर भरोसा करे.

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पुलवामा पर सवाल

असदुद्दीन ओवैसी ने पुलवामा अटैक पर इन्टेलिजेंस ब्यूरो और रॉ पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि क्या सरकार यह बता सकती है कि कितने आईबी और रॉ अधिकारियों को निलंबित किया गया.

ट्रंप के सामने झुके मोदी

अपने भाषण में ओवैसी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर झुकने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी वित्तीय और हथियारों की खरीदारी पर ट्रंप के सामने झुक गए.

गोडसे पर बीजेपी को ताना

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा  कि बीजेपी पर काला धब्बा है कि वह ऐसे व्यक्ति के साथ खड़ी है जिसने गोडसे का बचाव किया. ओवैसी का यह इशारा साध्वी प्रज्ञा की ओर था.

दरअसल लोकसभा चुनाव खत्म होने के 2 दिन पहले नाथूराम गोडसे को राष्ट्रभक्त बताकर साध्वी प्रज्ञा ने पार्टी को मुश्किल में डाल दिया था और इसकी वजह से बीजेपी को चौतरफा आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था.

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