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जनसंख्या विस्फोट: ओवैसी बोले- PM को पता ही नहीं, बढ़ती आबादी का कैसे उठाएं फायदा

ओवैसी ने कहा है कि सरकार को पता ही नहीं है कि बढ़ती आबादी का फायदा कैसे उठाया जाए. ओवैसी ने कहा कि भारत की अधिकांश आबादी अभी युवा है, लेकिन इसका फायदा 2040 तक ही मिलने वाला है. सरकार युवा आबादी का फायदा उठाने की बयान ऐसे आइडिया लेकर आ रही है जिससे वो अपनी जिम्मेदारी से बच सके.

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हैदराबाद में अपने समर्थकों को संबोधित करते सांसद ओवैसी (फाइल फोटो-एएनआई)
हैदराबाद में अपने समर्थकों को संबोधित करते सांसद ओवैसी (फाइल फोटो-एएनआई)

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15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से देश के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसंख्या विस्फोट की ओर इशारा किया और कहा कि ये ऐसी समस्या है जिस पर समय रहते समाधान करना जरूरी है. हालांकि AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम के इस विचार से सहमति नहीं जताई है. ओवैसी ने कहा है कि सरकार को पता ही नहीं है कि बढ़ती आबादी का फायदा कैसे उठाया जाए. ओवैसी ने कहा कि भारत की अधिकांश आबादी अभी युवा है, लेकिन इसका फायदा 2040 तक ही मिलने वाला है. सरकार युवा आबादी का फायदा उठाने की बजाय ऐसे आइडिया लेकर आ रही है जिससे वो अपनी जिम्मेदारी से बच सके.

गुरुवार को पीएम जब देश को संबोधित कर रहे थे तो उन्होंने देश में बढ़ती आबादी का मुद्दा जोर-शोर से उठाया. पीएम ने कहा कि जनसंख्या विस्फोट आने वाली पीढ़ी के लिए समस्याएं पैदा कर रहा है. पीएम ने कहा कि आबादी समृद्ध हो, शिक्षित हो तो देश की तरक्की को कोई नहीं रोक सकता है. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आबादी को लेकर एक जागरूक वर्ग भी है जो जनसंख्या से जुड़ी दिक्कतों को समझता है और अपने परिवार को सीमित रखता है. ऐसे परिवारों की तारीफ करते हुए पीएम ने कहा कि ये लोग भी एक तरह से देशभक्ति का प्रदर्शन करते हैं और ये सम्मान के पात्र हैं.

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जनसंख्या विस्फोट पर पीएम का बयान आने के बाद हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने पीएम के बयान को जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ने वाला बताया. ओवैसी ने ट्वीट किया, "इस वक्त हिन्दुस्तान की ज्यादातर आबादी युवा है इस आबादी के पास अभी उत्पादन की क्षमता है, लेकिन ये फायदा 2040 तक ही मिलने वाला है, प्रधानमंत्री कार्यालय को पता ही नहीं है कि इस फायदे का इस्तेमाल कैसे किया जाए, इसलिए वो शासन करने के ऐसे विचारों के साथ सामने आ रहे हैं जो खारिज किया जा चुका है और दूसरों की जिंदगी में दखल देता है. इन विचारों के साथ वे अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं."

बता दें कि भारत जब आजादी की सौंवी सालगिरह मना रहा होगा उस समय तक भारत की मौजूदा युवा आबादी बुजुर्गावस्था की ओर प्रवेश कर चुकी होगी, और उसके काम करने की क्षमता भी कम हो चुकी होगी. जनसंख्या विशेषज्ञों का मानना है कि अगले तीस सालों में भारत में जनसंख्या वृद्धि दर भी कम होगी.

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