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ओवैसी का CDS रावत पर निशाना, डी-रेडिक्लाइजेशन पर गोरों की भाषा बोल रहे जनरल

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन नेता असदुद्दीन ओवैसी ने चीफ ऑफ डिफेंस बिपिन रावत के कट्टरपंथ वाले बयान पर जमकर हमला किया. उन्होंने कहा कि गोरे लोगों की भाषा बोल रहे हैं जनरल साहब.

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असदुद्दीन ओवैसी (फाइल फोटो- PTI)
असदुद्दीन ओवैसी (फाइल फोटो- PTI)

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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) नेता असदुद्दीन ओवैसी ने चीफ ऑफ डिफेंस (CDS) बिपिन रावत के कट्टरपंथ वाले बयान पर जमकर हमला किया. उन्होंने कहा कि गोरे लोगों की भाषा बोल रहे हैं जनरल साहब.

औवैसी ने कहा, 'चीफ ऑफ डीफेंस जनरल साहब को बताना चाह रहा हूं, कट्टरपंथ को खत्म करना चाह रहे हो तो सुनो आप, जुवेनाइल एक्ट पढ़ लो. आईपीसी का कानून नहीं लगता बच्चों पर तो आप कौन सा डी-रेडिक्लाइज करेंगे.'

ओवैसी ने अपने संबोधन में कहा, 'जनरल साहब बोलते हैं कि बच्चों को कट्टरपंथ से दूर करने के लिए दूसरी जगह लेकर जाएंगे. आपकी बातों से ऐसा ही लग रहा है जैसे कनाडा में गोरे लोगों ने वहां के मुकामी लोगों के बच्चों के साथ ऐसा ही जुल्म किया था और बरसों के बाद मौजूदा कनाडा के सदर को माफी मांगनी पड़ी.'

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ओवैसी ने आगे कहा, 'मेरठ का एसपी मुस्लिम मोहल्लों में जाकर पुलिस फोर्स के साथ कहता है कि खाते यहां का गाते वहां का तुम पाकिस्तान चले जाओ वर्ना मैं पूरे गली को जेल में डाल दूंगा. पाकिस्तान के नारों पर कोर्ट तय करेगा कि लगे या नहीं और एसपी को कोर्ट में जवाब देना होगा.'

ऐसे ही ओवैसी ने दलितों पर अत्याचार के कई घटनाओं का जिक्र करते हुए निशाना साधा और कट्टरपंथ के विषय पर कई सवाल पूछे.

बता दें कि जनरल रावत ने कहा कि देश में कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर चल रहे हैं क्योंकि यह वैसे लोगों को अलग करने के लिए जरूरी है, जिनका पूरी तरह चरमपंथीकरण हो चुका है.

उन्होंने कहा, घाटी में 10 और 12 साल के लड़के-लड़कियों को कट्टरपंथी बनाया जा रहा है, जो चिंता का विषय है. रावत ने कहा, 'इन लोगों को धीरे-धीरे कट्टरपंथ से अलग किया जा सकता है. हालांकि, ऐसे लोग भी हैं जो पूरी तरह कट्टरपंथी हो चुके हैं. इन लोगों को अलग से कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर में ले जाने की आवश्यकता है.'

बिपिन रावत ने कहा, ये शिविर उन लोगों के लिए जरूरी हैं जो चरमपंथ के चंगुल में फंस चुके हैं. जनरल रावत ने कहा कि आतंकवाद से प्रभावी तरीके से मुकाबले के लिए कट्टरपंथ को रोकना अहम है और प्रभावी कार्यक्रम के जरिए इससे मुकाबला किया जा सकता है.

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