scorecardresearch
 

ओवैसी ने पूछा-4 साल में PM मोदी ने कितने मुस्लिमों को नौकरी दी?

ओवैसी ने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्री झूठ बोल रहे हैं. सरकार बताए कि चार साल में केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में कितने मुसलमानों को नौकरी मिली?

Advertisement
X
असदुद्दीन ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी

Advertisement

मोदी सरकार के सरकारी नौकरी में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व बढ़ने के दावे पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल खड़े किए हैं. ओवैसी ने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्री झूठ बोल रहे हैं. सरकार बताए कि चार साल में केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में कितने मुसलमानों को नौकरी मिली?

ओवैसी ने कहा कि केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी झूठ बोल रहे हैं कि मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व बढ़ा है. इसलिए मैंने सरकार के इन गलत दावों का पर्दाफाश किया है.

ओवैसी ने सोमवार को रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती दी. औवेसी ने कहा मुझे पीएम बताएं कि अगर आप मुसलमानों के एक हाथ में कंप्यूटर और एक हाथ में कुरान देने का वादा करते हैं तो कितनों को नौकरी दी. पिछले 4 साल में सरकार ने क्या किया है?

Advertisement

उन्होंने कहा कि पिछले 4 साल में रेलवे और अर्धसैनिक बलों में अल्पसंख्यकों की भर्ती हुई? प्रधानमंत्री के 15 सूत्रीय कार्यक्रम में 10 बिंदू में कहा गया कि राज्य में केंद्रीय सेवाओं, पुलिस की भर्ती में अल्पसंख्यकों को तरजीह देने की सरकार को सलाह दी गई है. 

ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री मुस्लिमों के प्रति प्यार दिखा रहे हैं. मैं उनसे एक बात पूछना चाहता हूं. कृपया हमें बताएं कि अपने 4 साल के कार्यकाल में सीआरपीएफ में कितने मुसलमानों की भर्ती की, बीएसएफ में कितने मुसलमानों को नौकरियां मिलीं, आरएएफ में कितने मुसलमानों को नौकरी मिली, आईटीबीपी में कितने मुसलमानों को काम मिला है.

उन्होंने कहा कि दस्तावेज ये बताते हैं कि सीआईएसएफ में मुसलमानों को सिर्फ 3.7 फीसदी नौकरी मिली है. सीआरपीएफ में मुसलमान सिर्फ 5.5 हैं, रेपीड एक्शन फोर्स में 6.10 फीसदी मुसलमानों को नौकरी मिली है. क्या यह मल्टी कल्चरल है?

सरकार ने दिया जवाब

वहीं ओवैसी के आरोप को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का विकास सांप्रदायिक नहीं बल्कि समावेशी है. वह सभी को खुशहाली मिले, इस सिद्धांत पर काम कर रहे हैं. नकवी ने कहा, अगर वह यह जानना चाहते हैं कि अल्पसंख्यकों के विकास के लिए क्या किया है? हम उनके ज्ञान को बढ़ाने के लिए इतना बता सकते हैं. जब मोदी की सरकार आई थी, तब केंद्र सरकार की नौकरियों में अल्पसंख्यकों की भागीदारी 4.5 से 6.00 फीसदी थी, लेकिन अब यह 10 फीसदी से ज्यादा है. हमने 1. 45 करोड़ अल्पसंख्यक छात्रों को स्कॉलरशिप दिया है.

Advertisement
Advertisement