मोदी सरकार के सरकारी नौकरी में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व बढ़ने के दावे पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल खड़े किए हैं. ओवैसी ने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्री झूठ बोल रहे हैं. सरकार बताए कि चार साल में केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में कितने मुसलमानों को नौकरी मिली?
ओवैसी ने कहा कि केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी झूठ बोल रहे हैं कि मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व बढ़ा है. इसलिए मैंने सरकार के इन गलत दावों का पर्दाफाश किया है.
In last 4 yrs, whether Railways, Paramilitary Forces, how many recruitments of minorities took place? In PM's 15 point programme, it's said in point 10 that recruitment to state¢ral services or police, govt will be advised to give special consideration to minorities: A Owaisi pic.twitter.com/696kemJGFH
— ANI (@ANI) July 17, 2018
ओवैसी ने सोमवार को रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती दी. औवेसी ने कहा मुझे पीएम बताएं कि अगर आप मुसलमानों के एक हाथ में कंप्यूटर और एक हाथ में कुरान देने का वादा करते हैं तो कितनों को नौकरी दी. पिछले 4 साल में सरकार ने क्या किया है?
उन्होंने कहा कि पिछले 4 साल में रेलवे और अर्धसैनिक बलों में अल्पसंख्यकों की भर्ती हुई? प्रधानमंत्री के 15 सूत्रीय कार्यक्रम में 10 बिंदू में कहा गया कि राज्य में केंद्रीय सेवाओं, पुलिस की भर्ती में अल्पसंख्यकों को तरजीह देने की सरकार को सलाह दी गई है.
Minister of Minority Affairs Mr Naqvi lied that the percentage of Muslim representation increased. So I have exposed these wrongful claims of the government. Prime Minister claimed he wants to give quran in one hand & computer in other,but what has he done in past 4 yrs:A Owaisi pic.twitter.com/dfJBymo9L6
— ANI (@ANI) July 17, 2018
ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री मुस्लिमों के प्रति प्यार दिखा रहे हैं. मैं उनसे एक बात पूछना चाहता हूं. कृपया हमें बताएं कि अपने 4 साल के कार्यकाल में सीआरपीएफ में कितने मुसलमानों की भर्ती की, बीएसएफ में कितने मुसलमानों को नौकरियां मिलीं, आरएएफ में कितने मुसलमानों को नौकरी मिली, आईटीबीपी में कितने मुसलमानों को काम मिला है.
उन्होंने कहा कि दस्तावेज ये बताते हैं कि सीआईएसएफ में मुसलमानों को सिर्फ 3.7 फीसदी नौकरी मिली है. सीआरपीएफ में मुसलमान सिर्फ 5.5 हैं, रेपीड एक्शन फोर्स में 6.10 फीसदी मुसलमानों को नौकरी मिली है. क्या यह मल्टी कल्चरल है?
सरकार ने दिया जवाब
वहीं ओवैसी के आरोप को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का विकास सांप्रदायिक नहीं बल्कि समावेशी है. वह सभी को खुशहाली मिले, इस सिद्धांत पर काम कर रहे हैं. नकवी ने कहा, अगर वह यह जानना चाहते हैं कि अल्पसंख्यकों के विकास के लिए क्या किया है? हम उनके ज्ञान को बढ़ाने के लिए इतना बता सकते हैं. जब मोदी की सरकार आई थी, तब केंद्र सरकार की नौकरियों में अल्पसंख्यकों की भागीदारी 4.5 से 6.00 फीसदी थी, लेकिन अब यह 10 फीसदी से ज्यादा है. हमने 1. 45 करोड़ अल्पसंख्यक छात्रों को स्कॉलरशिप दिया है.