पहली बार भारतीय वायुसेना ने शुक्रवार को चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा से महज 23 किलोमीटर दूर पूर्वी लद्दाख के नयोमा एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड में एक एएन32 परिवहन विमान उतारा.
सैनिकों को तेजी से ले जाने की क्षमता
मीडियम लिफ्ट परिवहन विमान का मैदान पर उतरना अग्रिम क्षेत्रों में सैनिकों को तेजी से ले जाने की भारत की क्षमता दर्शाता है. भारतीय वायुसेना का यह कदम वास्तविक नियंत्रण रेखा के भारतीय पक्ष में चीन की हालिया घुसपैठ की खबरों के बाद सामने आया है. इन खबरों में एक उनके हेलीकाप्टरों द्वारा वायु क्षेत्र का उल्लंघन और चट्टानों पर मंदारिन शब्दों का लाल रंग से लिखा जाना शामिल है.
लद्दाख में खोला गया नया एएलजी
पश्चिमी वायु कमान की प्रवक्ता फ्लाइट लेफ्टिनेंट प्रिया जोशी ने नयी दिल्ली में कहा कि शौर्यचक्र पुरस्कार प्राप्त ग्रुप कैप्टन एस सी चफेकर द्वारा उड़ाये गये एएन 32 विमान में पश्चिमी एयर कमान के प्रमुख एयर मार्शल एनएके ब्राउनी और उत्तरी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पी सी भारद्वाज सवार थे. यह विमान सुबह 6.25 बजे नयोमा में उतरा. नयोमा एएलजी समुद्र तल से 13300 फुट की उंचाई पर है और वायु सेना द्वारा पिछले दो सालों में जम्मू कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में खोला गया यह ऐसा तीसरा एएलजी है.
ठोस हवाई पट्टी बिछाने का काम पूरा
इससे पहले दौलत बेग ओल्डी में पिछले साल मई में 16200 फुट की उंचाई पर एक एयरफील्ड खोला गया था जो दुनिया का सबसे उंचाई पर स्थित एयरफील्ड है. पिछले साल नवंबर में फुक ची में एक एएलजी खोला गया था. इस एएन 32 को उतारने से पहले भारतीय वायु सेना नयोमा हवाई पट्टी का इस्तेमाल सिर्फ हेलीकाप्टर ऑपरेशन के लिए करती थी. हाल ही में भारतीय वायु सेना ने यहां फिक्स्ड विंग परिवहन विमानों के संचालन के लिए एएलजी आपरेशन के लिए ठोस हवाई पट्टी बिछाने का काम शुरू किया था.