एयर इंडिया के सीएमडी अश्विनी लोहानी ने टैक्सीबोट के कॉमर्शियल फ्लाइट के लिए इस्तेमाल की शुरुआत दिल्ली में एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 से मुंबई के लिए एआई665 फ्लाइट को रवाना करने के साथ की.
पायलट की ओर से नियंत्रित टैक्सीबोट सेमी-रोबोटिक टो-बार होता है. पार्किंग बे से रनवे तक विमान को टैक्सीबोट के जरिए लाने से कार्बन इमिशन कम होता है जिससे वायु की गुणवत्ता बेहतर रहती है. इन टैक्सीबोट का इस्तेमाल सिर्फ़ डिपार्टिंग फ्लाइट के लिए होता है. विमान को इस तरह पार्किंग बे से रनवे तक लाने में विमान को इंजन ऑन करने लाने की तुलना में 85% कम ईंधन का इस्तेमाल होता है. ग्रीन एविएशन इको-सिस्टम की दिशा में इस पहल से बोर्डिंग गेट पर डिकंजेशन भी कम होता है.
एयर इंडिया के डायरेक्टर ऑपरेशन्स कैप्टन अमिताभ सिंह की अगुआई में टीम एयर इंडिया ने ये उपलब्धि हासिल की. हाल में सिंह की टीम ने एयर इंडिया को पहली भारतीय एयरलाइन बनाने का गौरव दिलाया जिसने सैन फ्रासिस्को जाने के लिए पोलर रूट का इस्तेमाल किया. इस रूट के इस्तेमाल से फ्लाइट टाइम कम हुआ और ईंधन खपत कम करने में मदद मिली.