एअर इंडिया की फ्लाइट में एक बार फिर बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. पश्चिम बंगाल के बागडोगरा से दिल्ली आ रही उड़ान संख्या AI 800 ने एसी खराब होने बावजूद उड़ान भरी और यात्रियों ऑक्सीजन मास्क का सहारा लेना पड़ा. एसी सिस्टम खराब होने के बाद फ्लाइट के अंदर मुसाफिर अखबार से हवा करते दिखे और ऑक्सीजन की कमी के चलते कुछ यात्रियों की तबीयत बिगड़ने की भी खबर है.
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#WATCH Air India Delhi-Bagdogra flight took off with faulty AC system, passengers protested complaining of suffocation pic.twitter.com/3nibvSrb1E
— ANI (@ANI_news) July 3, 2017
'आजतक' से बातचीत में यात्रियों ने बताया कि उड़ान भरने से पहले ही विमान में एसी काम नहीं कर रहा था. लेकिन शिकायत करने पर स्टाफ की ओर से कहा गया कि उड़ान भरते ही एसी ठीक से काम करना शुरू कर देगा. उसके बाद उड़ाने भरते ही विमान में सवार यात्रियों की हालत गर्मी से खराब होने लगी. खुद को गर्मी से राहत देने और दम घुटने से बचने के लिए मुसाफिरों ने अखबार की मदद से अपने ऊपर हवा करना शुरू कर दिया.
विमान में सवार देबास्मिता ने बताया कि फ्लाइट में बैठे अस्थमा के एक मरीज की हालत बिगड़ने लगी. उन्होंने सांस लेने के लिए स्टाफ से ऑक्सीजन सिलेंडर और मास्क मांगा. लेकिन उसके बाद पता चला कि फ्लाइट में मौजूद ऑक्सीजन सिलेंडर में गैस तक नहीं थी. यात्रियों की शिकायत के बावजूद स्टाफ ने उनकी एक ना सुनी.
दिल्ली में उतरने के बाद भी जब यात्रियों ने एअर इंडिया के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की तब भी उनकी ओर से ना तो कोई खेद जताया गया और ना ही असुविधा के लिए माफी मांगी गई. जानकारों के मुताबिक एसी सिस्टम के काम किए बिना फ्लाइट को उड़ाने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए. ऐसे करके विमान सेवा ने यात्रियों की जान को जोखिम में डाला है और उन पर भारी जुर्माना लगना चाहिए.
'आजतक' ने जब इस मामले में एअर इंडिया का पक्ष जाना तो कंपनी की ओर से कहा गया कि मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. लेकिन सवाल यह उठता है कि इतनी बड़ी लापरवाही करने पर क्या कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए. हाल ही में सरकार की ओर से सरकारी विमान सेवा एअर इंडिया के विनिवेश को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दे दी गई है. मतलब साफ है कि कर्ज में डूबी एअर इंडिया की हालत सुधारने के लिए सरकार इसकी हिस्सेदारी को बेचने के लिए तैयार है.