आर्थिक तंगी का सामना कर रही एयर इंडिया का सरकार पर 325 करोड़ रुपये का बकाया है. यह बकाया दूसरे देशों के लिए वीवीआईपी चार्टर्ड विमानों की सेवा से संबंधित है. सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत एक जवाब में एयर इंडिया ने वीवीआईपी यात्राओं की सेवा से जुड़े विभिन्न मंत्रालयों को बकाए बिल का ब्यौरा दिया है.
राष्ट्रीय विमानन कंपनी की ओर से 8 मार्च को उपलब्ध कराए गए ब्यौरे के मुताबिक वीवीआईपी चार्टर्ड विमानों की सेवा के लिए 31 जनवरी, 2018 तक 325.81 करोड़ रुपये का बकाया था. इस राशि में से 84.01 करोड़ रुपये पिछले वित्त वर्ष यानी 2016-17 का बकाया है और 241.80 करोड़ रुपये के बिल इस वित्त वर्ष यानी 2017-18 के हैं.
चार्टर्ड वमानों का इस्तेमाल राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसे वीवीआईपी के विदेश दौरों के लिए किया जाता है. ये विमान एयर इंडिया द्वारा मुहैया कराए जाते हैं. एयर इंडिया का बकाया रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, प्रधानमंत्री कार्यालय और कैबिनेट सचिवालय पर है.
आरटीआई के जवाब में एयर इंडिया ने कहा कि विदेश मंत्रालय पर 178.55 करोड़ रुपये, कैबिनेट सचिवालय और पीएमओ पर 128.84 करोड़ रुपये और रक्षा मंत्रालय पर 18.42 करोड़ रुपये का बकाया है. एयर इंडिया की ओर से आरटीआई का जवाब मिलने के तीन दिन पहले नागर विमानन मंत्रालय ने कहा था कि 31 दिसंबर, 2017 तक की स्थिति के अनुसार एयर इंडिया का कुल 345.94 करोड़ रुपये का बिल बकाया है.