एयरसेल-मैक्सिस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को 1 नवंबर तक गिरफ्तारी से राहत मिली है. दरअसल, दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चिदंबरम और उनके बेटे की गिरफ्तारी पर रोक 1 नवंबर तक के लिए बढ़ा दी है.
सोमवार को इस मामले में ईडी और सीबीआई की अर्जी पर कोर्ट को सुनवाई करनी थी. इसमें पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी पर रोक को हटाने की गुहार लगाई गई थी. लेकिन कोर्ट में सुनवाई न होने के चलते इस पर फैसला नहीं हो सका. इसलिए गिरफ्तारी पर रोक को अगली सुनवाई यानि 1 नवंबर तक के लिए बढ़ा दी गई है.
बीते 1 अक्टूबर को पटियाला हाउस कोर्ट ने सीबीआई को 6 हफ्ते का समय दिया था, जिससे इस मामले से जुड़े आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाया जा सके. चार्जशीट फाइल करने के बाद भी मुकदमा चलाने के लिए अनुमति देने का काम सीबीआई ने पूरा नहीं किया.
ऐसे में कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है और एजेंसी को सख्त हिदायत दी है कि 26 नवंबर से पहले वह मुक़दमा शुरू करने के लिए जरूरी अनुमति हासिल कर ले. इस मामले में सीबीआई पी चिदंबरम पर मुकदमा चलाने के लिए भी सरकार के अलग-अलग विभागों से मंजूरी हासिल नहीं कर पाई है.
बता दें कि एयरसेल - मैक्सिस केस साल 2006 का है, तब पी चिदंबरम देश के वित्त मंत्री थे. इस मामले में आरोप है कि फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड से मंजूरी लेने के लिए चिदंबरम के बेटे कार्ति ने अपने पिता की रसूख का इस्तेमाल किया. आरोप है कि उन्होंने नियमों की अनदेखी कर यह मंजूरी एयरसेल- मैक्सिस डील को दिलवाई.
इस मामले में यह जांच हो रही है कि भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में पी चिदंबरम ने इन्वेस्टमेंट के लिए मंजूरी क्यों दी. हालांकि जांच एजेंसियों का दावा है कि पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम का अपराध साबित करने के लिए उनके पास दस्तावेज और सबूत मौजूद हैं.