एयरसेल मैक्सिस मामले में दिल्ली के रॉउज एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी पर रोक को 30 मई तक के लिए और बढ़ा दिया है. आज भी इस मामले में ईडी की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केस मामले में अभी जांच चल रही है और टीम को यूके और सिंगापुर भेजा गया है और जल्द ही टीम ठोस सबूत और दस्तावेजों के साथ होगी जिन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा.
हालांकि, कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने इसका पुरजोर विरोध करते हुए कहा की जांच एजेंसी 13 बार इस मामले में कोर्ट से समय ले चुकी है.और अभी भी जांच एजेंसी के हाथ खाली हैं. 2014 से अब तक इस मामले को लगातार लंबा खींचने की कोशिश की जा रही है.
ऐसे में उनके क्लाइंट पी चिदम्बरम को जमानत दी जानी चाहिए.गयी है. जांच एजेंसी पहले ही अपनी चार्जशीट इस मामले में कोर्ट में दाखिल कर चुकी है. ऐसे में अगर जांच आगे भी चल रही है तो पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को जमानत क्यों नहीं मिलनी चाहिये.
कपिल सिब्बल की तरफ से इस मामले में आज सुनवाई के दौरान कोर्ट को कहा गया कि यह उनके क्लाइंट को बेवजह परेशान करने की कोशिश है .ईडी हो या सीबीआई कोई भी इस मामले में पूछताछ नही कर रहा है. चार्जशीट भी दायर हो चुकी है.
यह आठवीं बार है जब कोर्ट से जांच के लिए समय मांगने के नाम पर अगली सुनवाई तारीख मांगी जा रही है. यह पूरी तरह से गलत है. कानून में ऐसी कोई व्याख्या नहीं है कि जब तक जांच एजेंसी अपनी पड़ताल पूरी नहीं कर लेगी तब तक नियमित जमानत नहीं दी जा सकती,और आरोपी को इंटरिम प्रोटेक्शन पर ही रहना होगा.
एजेंसी के तरफ से बार-बार इस मामले में तारीख मांगने को लेकर भी जज ने सवाल उठाया. कोर्ट ने पूछा कि आखिर मामले की जांच पूरा करने के लिए आपको कितने समय की जरूरत है. इस पर तुषार मेहता का कहना था कि हमें जल्दी उम्मीद है कि नतीजे हमारे सामने होंगे. हालांकि कोर्ट ने 3 महीने का समय देने के लिए मना कर दिया और सुनवाई के लिए अगली तारीख 30 मई दे दी.
साथ ही कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल को इस मामले में अगली सुनवाई पर केस फाइल भी कोर्ट के सामने पेश करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने कहा है कि वह देखना चाहती है कि अब तक इस मामले में ईडी ने अपनी जांच किस दिशा में की है, और जांच कब तक पूरी की जा सकती है.