सीबीआई ने एयरसेल-मैक्सिस सौदे से जुड़े मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन, उनके भाई कलानिधि मारन और छह अन्य के खिलाफ आज यहां एक विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर किया. सीबीआई करीब 600 करोड़ रुपये के लेन देन के सूत्र तलाशने की जांच कर रही है जिसके बारे में आरोप है कि यह रिश्वत की राशि थी.
सीबीआई ने मारन बंधुओं के अलावा प्रमुख मलेशियाई उद्यमी टी आनंद कृष्णन, मलेशियाई नागरिक राल्फ मार्शल और चार कंपनियों को नामजद किया है. इन कंपनियों में सन डायरेक्ट प्राइवेट लिमिटेड और मलेशिया की मैक्सिस कम्युनिकेशन शामिल है जिन्हें आरोपी बनाया गया है. उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोप पत्र दायर किया गया है.
आरोप पत्र सीबीआई के विशेष जज ओपी सैनी के समक्ष दायर किया गया. सैनी ने इस पर विचार करने के लिए 11 सितंबर की तारीख निर्धारित की है. सीबीआई सूत्रों का कहना है कि दयानिधि मारन ने दूरसंचार मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल (फरवरी 2004 से मई 2007) के दौरान कथित रूप से अपने पद का दुरूपयोग किया और आनंद कृष्णन के स्वामित्व वाली कंपनी का अवांछित पक्ष लिया. इसके बदले कृष्णन ने मारन परिवार के स्वामित्व वाली सन डाइरेक्ट टीवी और साउथ एशिया इंटरटेनमेंट होल्डिंग लिमिटेड के शेयरों में पैसा लगाया.
सूत्रों का कहना है कि इस निवेश की आड़ में मारन बंधुओं को लगभग 600 करोड़ रुपये की ‘अवैध रिश्वत’ दी गई. 72 पन्नों की इस चार्जशीट में पूर्व दूरसंचार सचिव जे एस शर्मा को भी आरोप पत्र में नामजद किया गया है. हालांकि, उनके नाम को उस आरोपी की सूची में डाला गया है, जिसके खिलाफ मुकदमा नहीं चलाया जा सकता क्योंकि शर्मा का निधन हो चुका है. आरोपित कंपनियों में एस्ट्रो ऑल एशिया नेटवर्क भी है. इसमें सीबीआई की ओर से 151 गवाहों के नाम है. इसके साथ 655 दस्तावेजों के सेट पेश किए गए हैं जिन्हें अदालत में नौ पेटियों में रख कर लाया गया.
सुप्रीम कोर्ट ने दयानिधि मारन की उस याचिका को कल खारिज कर दिया जिसमें सीबीआई को आरोप पत्र दायर करने से रोकने की मांग की गई थी. उन्होंने कहा कि मामले में जांच अब भी जारी है. शीर्ष अदालत के इस निर्णय के एक दिन बाद यह आरोप पत्र दायर किया गया है. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में आरोप लगाया था कि मारन ने चेन्नई में रहने वाले दूरसंचार प्रमोटर सी शिवशंकरन को एयरसेल में अपनी हिस्सेदारी मलेशियाई कंपनी मैक्सिस ग्रुप को साल 2006 में बेचने पर मजबूर किया था. मलेशिया के मैक्सिस समूह के मालिक आनंद कृष्णन हैं.