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दो मोर्चों पर लड़ने की ताकत कम, पर हम युद्ध के लिए तैयार: एयर चीफ मार्शल

एयर चीफ मार्शल ने ये भी बताया कि 1999 में करगिल युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना की ताकत में जो कमियां थीं, वो दूर हो गई हैं. उन्होंने बताया कि दिन में हमला करने की हमारी ताकत पहले से बढ़ गई है.

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वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ
वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ

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करगिल विजय दिवस के मौके पर भारतीय वायुसेना प्रमुख बी एस धनोआ ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि दो मोर्चों पर युद्ध करने के लिए हमारे पास जितनी ताकत होनी चाहिए, वो कम है.

एयर चीफ मार्शल धनोआ से जब करगिल विजय दिवस को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने पहले कहा कि करगिल जैसा युद्ध अब नहीं होगा. मगर इससे आगे बढ़ते हुए उन्होंने ये भी कह डाला कि दो फ्रंट पर लड़ाई लड़ने के लिए हमारे पास उतनी ताकत नहीं है, जितनी होनी चाहिए.

हालांकि, वायुसेना प्रमुख ने ये भी साफ कर दिया कि वो लड़ने के लिए पूरे तरीके से तैयार हैं. युद्ध के लिए उनकी तैयारी पूरी है.

करगिल युद्ध की कमियां दूर

एयर चीफ मार्शल ने ये भी बताया कि 1999 में करगिल युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना की ताकत में जो कमियां थीं, वो दूर हो गई हैं. उन्होंने बताया कि दिन में हमला करने की हमारी ताकत पहले से बढ़ गई है. अब वायुसेना के पास यूएवी आ गए हैं. वहीं मानव रहित विमान से छोटी से छोटी पोस्ट को चिन्हित करने की ताकत भी वायुसेना ने हासिल कर ली है.

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वायुसेना प्रमुख ने ये भी बताया कि करगिल युद्ध से पहले एयरफोर्स ने कभी इतनी ऊंचाई पर हमला नहीं किया था. उन्होंने बताया ''करगिल युद्ध की शुरुआत में पहले हम रेकी कर रहे थे और उसके बाद हम बमबारी की भूमिका में आए. पहले हम दिन में ऊंचाई से बम गिरा रहे थे. फिर हमनें रात में बम गिराने का फैसला किया. पाकिस्तान के पास के जो मिसाइल थीं, वो रात में काम नहीं कर सकती थीं. जिसके बाद हमारी तरफ से दिन-रात हमले किए गए. रात में हमारी बमबारी से पाकिस्तान से हौसले पस्त हो गए.''

चीन-पाक बॉर्डर पर भी बोले एयरफोर्स चीफ

एयरचीफ मार्शल ने चीन और पाकिस्तान बॉर्डर पर हालात को लेकर भी अपना पक्ष रखा. उन्होंने बताया कि दोनों देशों के साथ बॉर्डर के हालात पर सरकार का जो आदेश है, उसे लेकर हम पूरे तरीके से तैयार हैं. 

 

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