उत्तर प्रदेश की राजनीति में खुद को अलग-थलग पड़ता देख राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष अजित सिंह ने एक बार फिर गठबंधन की राजनीति के संकेत दिए हैं. इसबार ये संकेत सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव को दिया है. आने वाले चुनाव का हवाला देते हुए अजित ने शनिवार को एक चिठ्ठी जारी कर अपील की है कि चौधरी चरण सिंह और लोहिया के अनुयायियों को एक मंच पर आना चाहिए.
नीतीश के शासन की तारीफ
साफ है अजित सिंह उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ जाना चाहते हैं. साथ ही इस गठबंधन में जेडीयू को भी शामिल कराना चाहते हैं. इस चिठ्ठी में अजित ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शरद यादव की तारीफ करते हुए लिखा है कि बिहार में नीतीश का गवर्नेंस चौधरी साहब के सपनों का गवर्नेंस है.
सभी पार्टियों से एक होने की अपील
जो महागठबंधन बिहार चुनाव में नहीं बन पाया उसे अब यूपी चुनाव के पहले अजित सिंह और मुलायम सिंह बनाना चाहते हैं. इसीलिए इस चिठ्ठी में नीतीश कुमार और शरद यादव तक से एक होने की अपील की गई है. इस चिठ्ठी के जरिए गठबंधन के लिए माहैल बनाने की कोशिश हो रही है ताकि बिखरी पार्टियां एक मंच पर आ सकें.
शिवपाल यादव गठबंधन के पक्ष में
ये चिठ्ठी समाजवादी पार्टी में अमर सिंह और शिवपाल यादव की बढ़ती हैसियत की ओर भी इशारा करती है, क्योंकि ये दोनों नेता काफी वक्त से अजित सिंह के साथ गठबंधन के पक्ष में रहे हैं और शिवपाल तो इस गठबंधन के लिए खुली वकालत करते रहे हैं. अब जबकि शिवपाल यादव पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और अमर सिंह राष्ट्रीय महासचिव बन गए हैं तो ऐसे में इस चिठ्ठी को समाजवादी के इच्छा से भी जोड़कर देखा जा रहा है. फिलहाल समाजवादी ने इस चिठ्ठी पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी है लेकिन माना जा रहा है जल्द ही एक गठबंधन की दिशा में पार्टियां बढ़ेंगी जो चुनाव के पहले महागठबंधन का स्वरूप ले सकती है.
नीतीश को मनाना नहीं आसान
बिहार चुनाव के ऐन पहले मुलायम सिंह का महागठबंधन से पल्ला झाड़ लेना समाजवादी पार्टी को गहरे घाव दे गया था. तब नीतीश कुमार ने मुलायम सिंह की खुलेआम आलोचना की थी. हाल ही में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अपनी किसान यात्रा में मुलायम सिंह पर बीजेपी के खिलाफ मौके पर खड़े न हो पाने का आरोप लगाया था. ऐसे में उत्तर प्रदेश चुनाव के पहले समाजवादी पार्टी के लिए महागठबंधन बनाना एक मुश्किल बात जरूर है लेकिन अजित सिंह की चिठ्ठी को इसी चश्में से देखा जा रहा है कि शायद उनकी पहल पर महागठबंधन की पहल पटरी पर लौट आए.
बिहार में ऐन मौके पर चोट खाए नीतीश कुमार को मनाना आसान भी नहीं होगा, वो भी तब जब नीतीश कुमार की जेडीयू-कांग्रेस से करीबी है और चुनावों के पहले वो कांग्रेस से गठबंधन के मूड में है.
महागठबंधन की जमीन तैयार करने की हुई पहल
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अजित सिंह का जनाधार रहा है और समाजवादी पार्टी फिलहाल वहां कमजोर दिख रही है. ऐसे में दोनो पार्टियां गठबंधन के लिए उत्सुक हैं लेकिन पहल कौन करे इसे लेकर जो संशय था वो अजित सिंह की चिठ्ठी के साथ ही खत्म हो गया. अब महागठबंधन के लिए जमीन तैयार करने की कोशिश है जिसे कितना समर्थन मिलता है ये देखना दिलचस्प होगा.