आतंकवादी अजमल कसाब को फांसी चढ़ाए जाने के कुछ ही देर बाद गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को 2001 के आतंकवादी हमले में दोषी ठहराए गए अफजल गुरु के भाग्य के बारे में सवाल उठाए.
मोदी ने ट्वीट किया, ‘अफजल गुरु के बारे में क्या, जिसने संसद, हमारे लोकतंत्र के मंदिर पर 2001 में हमला किया. वह अपराध कसाब के घृणित अपराध से कई सालों पहले हुआ था.’
मुंबई पर 26/11 के आतंकवादी हमले में बचे एक मात्र हमलावर कसाब को बुधवार सुबह साढ़े सात बजे पुणे के यरवदा जेल में फांसी दे दी गई. गुरु की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है. उसे काफी पहले 2004 में ही मौत की सजा सुना दी गई थी.
गृह मंत्रालय ने अगस्त 2011 में ही तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को यह सिफारिश भेजी थी कि उसे जल्द फांसी पर चढ़ा दिया जाए. अफजल सात साल से तिहाड़ जेल में बंद है. उसकी फांसी का मामला सालों से लटक रहा है और अब राजनीतिक विवाद का मुद्दा बन गया है.
अफजल को दिसंबर 2001 में संसद पर हुए हमले की साजिश रचने का दोषी ठहराया गया था. उसे सुनाई गई मौत की सजा को 2004 में उच्चतम न्यायालय ने सही ठहराया था.
इस सजा को 20 अक्टूबर 2006 को अंजाम दिया जाना था. बहरहाल अफजल की फांसी तब स्थगित कर दी गई जब उसकी पत्नी ने उसकी ओर से दया याचिका दाखिल की.