scorecardresearch
 

आतंकी अजमल कसाब को फांसी दी गई

सूत्रों के हवाले से आई खबर के मुताबिक 26/11 हमले के दोषी अजमल आमिर कसाब को बुधवार की सुबह 7.30 बजे फांसी दे दी गई.

Advertisement
X
अजमल आमिर कसाब
अजमल आमिर कसाब

26/11 हमले के दोषी अजमल आमिर कसाब को बुधवार की सुबह 7.36 बजे फांसी दे दी गई.

Advertisement

राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 5 नवंबर को कसाब की दया याचिका खारिज कर दी थी जिसके बाद कोर्ट ने कसाब की फांसी की तारीख और समय 21 नवंबर को 7 बजकर 36 मिनट तय किया था. कसाब को गुप्‍त तरीके से सोमवार को यरवडा जेल लाया गया.
दरअसल फांसी देने का काम यरवदा जेल में किया जाता है और कसाब की माफी खारिज किए जाने के बाद येरवडा जेल में शिफ्ट किया गया था. 2009 से कसाब मुंबई के आर्थर जेल रोड में बंद था.

सरकार ने इस मामले में पूरी गोपनीयता बरती और आर्थर रोड जेल से निकाल कर येरवडा जेल ले जाया गया और तय समय के मुताबिक उसे सुबह 7.36 बजे फांसी दे दी गई.

यरवडा जेल अधिकारियों के मुताबिक फांसी से पहले कसाब तनाव में था. फांसी की बात बताने के बाद से उसने किसी से बात तक नहीं की. यही नहीं उससे अंतिम इच्‍छा भी पूछी गई लेकिन उसने अपनी कोई अंतिम इच्‍छा जाहिर नहीं की. फांसी के बाद 8 बजकर 40 मिनट में उसे यरवडा जेल में ही दफना दिया गया. पाकिस्‍तान ने भारत से कसाब के शव की भी मांग नहीं की जिसके बाद उसे भारत में ही दफनाने का फैसला लिया गया.

Advertisement

गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने हमारे संवाददाता को जानकारी दी कि मंगलवार शाम 5 बजे कसाब की दया याचिका खारिज होने का बाद यह फैसला लिया गया कि तय समय के मुताबिक उसे फांसी दी जाएगी.

सुप्रीम कोर्ट द्वारा 29 अगस्त को कसाब की मौत की सजा की पुष्टि किए जाने के बाद उसके द्वारा राष्ट्रपति के यहां दायर की गई दया याचिका खारिज कर दी गई.

गौरतलब है कि मुम्बई की स्थानीय अदालत ने 6 मई 2010 को कसाब को मौत की सजा सुनाई थी जिसे बम्बई हाई कोर्ट ने भी बरकरार रखा था.

सुप्रीम कोर्ट ने भी 29 अगस्त को कसाब की याचिका खारिज करते हुए वर्ष 2008 के मुम्बई हमले के लिए उसकी मौत की सजा बरकरार रखी थी.

उल्लेखनीय है कि 26 नवम्बर, 2008 को हुए मुम्बई हमले में कई विदेशी नागरिकों सहित 166 लोग मारे गए थे.

Advertisement
Advertisement