अजमेर दरगाह विस्फोट मामले में इंद्रेश कुमार और साध्वी प्रज्ञा की एनआईए की क्लीनचीट पर 17 अप्रैल को जयपुर की एनआईए कोर्ट फैसला लेगी. गौरतलब है कि एनआईए ने कोर्ट में इंद्रेश कुमार और साध्वी प्रज्ञा को क्लीनचीट दिया था जिसके जवाब में कोर्ट ने कहा था लिख देने से क्लीनचीट नहीं हो जाता है पूरी क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कीजिए उसके बाद ही एनआईए कोर्ट इनके क्लीनचीट पर संज्ञान लेगा.
कोर्ट की प्रतिक्रिया के बाद सोमवार को एनआईए कोर्ट में इंद्रेश कुमार, साध्वी प्रज्ञा, रमेश और जयंती दास के खिलाफ क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गई. जिसमें से बेस्ट बेकरी कांड के आरोपी रमेश और जयंती दास की मौत जेल में हो चुकी है. कोर्ट ने इस क्लोजर रिपोर्ट पर संज्ञान लेने के लिए 17 अप्रैल की तारीख तय की है.
इसके अलावा एनआईए के डायरेक्टर समेत कोझीको के कलेक्टर और इंदौर आईजी को भी नोटिस जारी किए गए हैं. एनआईए डायरेक्टर से कोर्ट ने पूछा है कि संदीप डांगे और रामचंद कालसांगरा और सुरेश नायर जैसे भगोड़े अभियुक्तों को पकड़ने के लिए अभी तक क्या प्रयास किए गए और क्या प्रयास किए जा रहे हैं इसकी प्रगति रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें.
कोर्ट ने इंदौर आईजी और कोझीकोड के कलेक्टर को नोटिस जारी करते हुए नाराजगी जताई है कि बार-बार भगोड़े आरोपी रामंचंद कालसांगरा और सुरेश नायर की संपत्तियों का ब्योरा कोर्ट को क्यों नहीं सौंपा जा रहा है.
गौरतलब है कि अजमेर बलास्ट मामले में जयपुर की एनआईए कोर्ट ने तीन लोगों सुनील जोशी, देवेंद्र और भवेश पटेल को दोषी माना था. इसमें से सुनील जोशी की मौत हो गई है जबकि देवेंद्र और भवेश पटेल को उम्रकैद की सजा हुई है.