राजस्थान के अजमेर में एक बिरादरी की पंचायत ने एक परिवार से जुर्माना वसूलने के बाद भी उसका हुक्का-पानी बंद कर दिया है. पीड़ित परिवार का आरोप है कि उसे लोकसभा चुनाव में अपनी मर्ज़ी से वोट डालने की सज़ा दी जा रही है.
62 हज़ार रुपये का जुर्माना
अजमेर से करीब बीस किलोमीटर दूर पालरा गांव के शंकर सिंह रावत का परिवार परेशान है. उनकी बिरादरी की पंचायत उनसे खफ़ा है. शंकर सिंह रावत का आरोप है कि लोकसभा चुनाव में पंचायत के फरमान के खिलाफ़ वोट देने पर उन्हें 62 हज़ार रुपये का जुर्माना भरना पड़ा. उसके बाद भी पंचायत का गुस्सा नहीं थमा और अब शंकर सिंह रावत के परिवार का हुक्का-पानी बंद हो चुका है.
कलेक्टर और एसपी से लगाई गुहार
शंकर सिंह की बीवी कमला देवी नरेगा में मेट का काम करती हैं. उनका आरोप है कि पंचायत ने उनकी निगरानी में नरेगा का काम करने पर भी रोक लगा दी है. पंचायती फरमान से तंग आकर इस परिवार ने अजमेर के कलेक्टर और एसपी से गुहार लगाई है.
अब पंचायत ने साधी चुप्पी
मामला पुलिस और प्रशासन तक पहुंचने के बाद बिरादरी की पंचायत ने चुप्पी साध ली है. पंचायत तो अब ये मानने को ही तैयार नहीं कि शंकर सिंह रावत के परिवार के खिलाफ़ कोई फरमान जारी किया गया था.