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दबाव के चलते जस्टिस गांगुली ने छोड़ा NUJS के गेस्ट फैकल्टी का पद

लॉ इंटर्न के साथ यौन शोषण के आरोपों में घिरे रिटायर्ड जस्टिस अशोक कुमार गांगुली की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. शुक्रवार को पूर्व जस्टिस ने एनयूजेएस (नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिडिकल साइंसेज) के गेस्ट फैकल्टी पद से इस्तीफा दे दिया.

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File Photo: पूर्व जस्टिस गांगुली
File Photo: पूर्व जस्टिस गांगुली

लॉ इंटर्न के साथ यौन शोषण के आरोपों में घिरे रिटायर्ड जस्टिस अशोक कुमार गांगुली की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. गुरुवार को ही कैबिनेट ने उनके खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के मामले को सुप्रीम कोर्ट को भेजने के राष्ट्रपति के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी और इसके एक दिन बाद ही उन्होंने एनयूजेएस (नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिडिकल साइंसेज) के गेस्ट फैकल्टी पद से इस्तीफा दे दिया.

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खबरों की मानें तो उन्होंने भारी दबाव के चलते इस्तीफा दिया है. हालांकि जस्टिस गांगुली अभी भी पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद पर बने हुए हैं. अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा, 'मैं अपनी इच्छा से NUJS की गेस्ट फैकल्टी से नाम वापस लेता हूं. मैंने कभी नहीं कहा कि इंटर्न को राजनीतिक मोहरे के तौर पर इस्तेमाल किया गया. मेरे अंदर उसके लिए कोई दुर्भावना नहीं है.' कैबिनेट ने गुरुवार को राष्ट्रपति के प्रस्ताव को मंजूर किया है उसे राष्ट्रपति अब सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के पास भेजेंगे जहां तीन बिंदुओं के आधार पर इस मामले की जांच की बात होगी. ये तीन मुद्दे हैं... गांगुली के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप, पश्चिम बंगाल सरकार को सूचित किये बिना पाकिस्तान यात्रा और मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद पर होने के बावजूद अखिल भारतीय फुटबॉल फेडरेशन की मध्यस्थता करने का मामला.

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गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस गांगुली पर एक महिला इंटर्न ने अशोभनीय बर्ताव का आरोप लगाया है, हालांकि जस्टिस गांगुली ने आरोपों को सिरे से नकार दिया है.

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