इन तस्वीरों से साफ हो जाता है कि उत्तर प्रदेश सरकार दंगा पीड़ितों को लेकर कितनी संवेदनशील है. एक तरफ मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ितों का दर्द है तो दूसरी तरफ यूपी सरकार का सैफई महोत्सव, जिसमें लड़कियां नाच रही हैं, कपिल शर्मा कॉमेडी कर रहे हैं और राज्य के मुखिया खिलखिला रहे हैं.
जी हां, यही सच है. इस समय ठंड अपने चरम पर है. यूपी सरकार हमेशा की तरह इन दिनों सैफई महोत्सव मना रही है. सैफई महोत्सव से शायद किसी को कोई परेशानी नहीं, लेकिन जब प्रदेश के बहुत से लोग मुसीबत में हों और मुखिया रंगारंग कार्यक्रम करवा रहे हों तो फिर सवाल उठने लाजिमी हैं.
सैफई महोत्सव में सीएम अखिलेश यादव से लेकर सपा चीफ मुलायम सिंह और यूपी सरकार के तमाम मंत्री मौजूद हैं, लेकिन किसी को इस बात की कोई फिक्र नहीं है कि दंगा पीड़ितों का राहत शिविरों में क्या हाल है.
मुजफ्फरनगर दंगे के बाद यूपी सरकार शहर से 25 किलोमीटर दूर शाहपुर गांव के राहत शिविर लगाया था. अब राहत शिविर में ठंड में बच्चे ठिठुर रहे हैं. रातभर अलाव जलाकर लोग खुद को गर्म रखने और ठंड के प्रकोप से बचने की कोशिश कर रहे हैं. वे ये भी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि शायद कहीं से कोई राहत आ जाए, लेकिन राहत देने वाले तो कहीं और व्यस्त हैं. मानवाधिकार संगठन से लेकर कई राजनीतिक दलों ने यूपी सरकार से दंगा पीड़ितों पर मेहरबानी करने की अपील की है.
कपिल शर्मा की कॉमेडी, नाचती बालाएं और खिलखिलाते अखिलेश
'कॉमेडी नाइट्स विद कपिल' के कपिल शर्मा सैफई महोत्सव में कॉमेडी कर रहे हैं, विदेशों से डांसर्स मंगवाई गई हैं. नाच, गाना, हंसी-मजाक सब चल रहा है. सीमए अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह बैठकर हंस रहे हैं. लेकिन वे दंगा पीड़ितों के बारे में कुछ नहीं सोच रहे.
कुछ ही दिन पहले खबर आई थी कि राहत शिविरों में ठंड के चलते लगातार बच्चों की मौत हो रही है. इस पर मुलायम सिंह यादव ने पीड़ितों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा काम किया और कहा कि 'शिविरों में एक भी दंगा पीड़ित नहीं है, सब लोग लौट चुके हैं. अब जो बचे हैं वे कांग्रेस और बीजेपी के लोग हैं, जो सरकार की छवि खराब करना चाहते हैं.'
इसके बाद राज्य के मुख्य सचिव ने रही सही कसर पूरी कर दी. उन्होंने कहा, 'ठंड से कोई नहीं मरता. ठंड से निमोनिया हो सकता है और कोई निमोनिया से मर सकता है, लेकिन ठंड से कोई नहीं मरता. अगर लोग ठंड से मरते तो साइबेरिया में कोई जिंदा नहीं रहता.'